रायपुर। अंतागढ़ खरीद-फरोख्त मामले मंतुराम पवार और नान घोटाले मामले में आरोपी शिवशंकर भट्ट के इकबालिया बयान  ने प्रदेश की राजनीति का पारा ऊपर चढ़ा दिया है. दोनों घटनाक्रम के बाद जहां भाजपा बैकफुट पर नजर आ रही है वहीं कांग्रेस मामले का सियासी फायदा लेने की जुगत में लग गई है, लिहाजा रविवार को प्रदेश भर में दो पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और अजीत जोगी का पुतला दहन किया गया. कांग्रेस का दावा है कि रमन-जोगी के रमन जोगी के पुतला दहन कार्यक्रम को जबर्दस्त सफलता मिली है. सभी जिला और ब्लाक मुख्यालयों के साथ-साथ प्रदेश में 300 से अधिक स्थानों से रमन-जोगी के पुतला दहन किया गया.

पुतला दहन के कार्यक्रम की जानकारी देते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पूरे छत्तीसगढ़ में अंतागढ़ नान घोटाले को लेकर सामने आ रहे बयानों के कारण रमन सिंह और अजीत जोगी के प्रति गहरी नाराजगी है. प्रदेश के अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में हुई लोकतंत्र की हत्या मामले में मंतूराम पवार और नागरिक आपूर्ति निगम नान भ्रष्टाचार मामले में शिवशंकर भट्ट के बयान में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वय डॉ. रमन सिंह और अजीत जोगी के नाम उजागर हो गये हैं.

दोनों ही मामलों में अदालत में दिये गये मंतूराम पवार पूर्व विधायक और शिवशंकर भट्ट पूर्व प्रबंधक के द्वारा दिये गये धारा 164 के तहत दिये गये कलमबंद बयानों पर पूर्व मुख्यमंत्रीद्वय रमन सिंह और अजीत जोगी की संलिप्तता स्पष्ट उजागर हो गयी है. कांग्रेस पार्टी आरंभ से ही इन दोनों ही मामलों की जांच की मांग करती आ रही है. जांच प्रक्रिया के आगे बढ़ने से जैसे-जैसे खुलासा हो रहा है, यह साबित हो रहा कि अंतागढ़ का षड़यंत्र अजीत जोगी-रमन सिंह द्वारा रचा गया था. नान घोटाला अपने आप को चाऊर वाले बाबा कहाने वाले मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में किया गया था, जिसमें अनेक भाजपा नेताओं और मंत्रियों की अहम भूमिका थी.

इन दोनों नेताओं के भ्रष्ट और लोकतंत्र विरोधी चरित्र और रमन-जोगी द्वारा छत्तीसगढ़ की राजनीति को गंदा किये जाने का विरोध करने तथा राज्य के कांग्रेस सरकार पर उक्त नेताद्वय द्वारा किये जा रहे अनर्गल बयानबाजी को गंभीरता से लेते हुये छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देशानुसार दिनांक 15 सितंबर 2019 को प्रदेश के समस्त जिला, शहर, नगर एवं ब्लाक कांग्रेस कमेटी मुख्यालयों के साथ-साथ प्रदेश में 300 से अधिक स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री द्वय डॉ. रमन सिंह और अजीत जोगी का पुतला दहन किया गया.