रायपुर. पहचाने अपने बच्चे का स्वभाव और उसे उसके स्वभाव के हिसाब से उसका लालन पालन करेंगे तथा उसकी कमजोरियों को दूर करने और खूबियों को उभारने का प्रयास करेंगे तो निश्चित ही आप अपने बच्चे के लिए एक उज्जवल भविष्य की कामना कर सकते है.
आइए जाने की किस राशि वाले बच्चो का व्यवहार कैसा होगा और आपको उसके किस व्यवहार पर नियन्त्रण करना होगा और किस प्रकार उन्हें व्यवहार में बदलाव के लिए प्रेरित कर सकते हैं और परिवार, समाज में उसे एक अच्छा और सफल नागरिक बना सकते है..
मेष और वृश्चिक राशी का राशि स्वामी होता है मंगल और मंगल के हिसाब से ये बच्चे क्रोधी, जिद्दी व अहंकारी होते हैं, इन्हें तर्क से नहीं, प्यार से समझाएँ. इन राशि वाले जातको को धैर्य और मिलनसारिता सिखाने से ये जिद्द व अहंकार से दूर रह सकते हैं. मिथुन और कन्या राशि वाले बच्चे शांत, समझदार, भावुक व होशियार होते हैं. माता-पिता की सेवा करते हैं. जरा सा तेज बोलना इन्हें ठेस पहुँचाता है. इनसे शांति व समझदारी से बात करें.
सिंह, धनु राशि वाले बच्चे समझदार, ज्ञानी व घमंडी होते हैं. अच्छे सलाहकार बनते हैं. माता-पिता से अधिक बनती नहीं है. प्रशासन में कुशल होते हैं. इनकी ऊर्जा को सही दिशा देना व इन्हें समझना जरूरी होता है. इन्हें समझाने के लिए पर्याप्त कारण व ज्ञान होना जरूरी है. किन्तु सभी के तालमेल बिठाने की आदत डाल कर आप इन्हे धमंडी होने से बचा सकते हैं.
वृषभ और कर्क राशि वाले बच्चे बेपरवाह, शौक़ीन और दिखावा पसंद करने वाले होते है, हँसमुख, शौकीन मिजाज व कलाप्रेमी होते हैं. इन्हे सामान्य जीवन शैली की आदत देकर आप इन्हे सफल बना सकते हैं. मकर, कुंभ राशि वाले जातक साथ ही वृशिक राशि वाले भी खिलंदड़े व कारस्तानी होते हैं. इन्हें सतत सहयोग व अच्छे साथियों की जरूरत होती है. ऊर्जावान, शैतान व तीव्र बुद्धि के विद्रोही होते हैं. रिस्क लेना इनका स्वभाव होता है. इन्हें अनुशासन में रखना जरूरी है. ये व्यसन करने वाले भी हो सकते हैं. इनके लिए अनुशासन वाले क्षेत्र बहुत जरुरी हैं.
मीन राशि वाले बच्चे बुद्धिमान, शांत, आशावादी होते हैं. रिसर्च के कामों में रूचि लेते हैं. इनके साथ धैर्य से व शांति से बातचीत करें. इन्हें सही संस्कार व सही दिशा-निर्देश जरूरी है.
इस प्रकार आप अपने बच्चे का व्यवहार जानकर या उनकी राशी अनुसार इनकी कमी दूर करने और खूबियों को बढ़ाने का प्रयास करेंगे तो आप का बच्चा नियंत्रित और सामाजिक व्यक्ति के रूप में समाज में उभर सकता है. व्यवहार और राशि के अनुसार उपाय भी जरुरी होता है जैसे की मंगल के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करने की आदत डालना या गेहू का दान देना. इसी प्रकार अलग राशी के अनुसार मन्त्र जाप, दान और रत्न से बच्चो के व्यवहार को संतुलित किया जा सकता है.