रायपुर- अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भूपेश बघेल ने कहा कि इसी सदन में मैंने कहा था कि प्रदेश में 40 लाख किसान है, लेकिन 13 लाख किसानों को ही बोनस दिया है. वह भी संतुष्ट नहीं है. किसानों का भी सरकार पर अविश्वास है. कोई ऐसा वर्ग नहीं है, जिसका विश्वास सरकार पर है. हर वर्ग के लोग नाराज है. इसका परिणाम देखिए नगरीय निकाय चुनावों में 13 नगर निगमों में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला. पंचायती राज चुनाव में भी बीजेपी हार गई. 111 नगर पंचायत में केवल 44 ही जीत पाए, कांग्रेस 52 जीती. इसके बाद भी सरकार तिहार मना रही है. शिक्षाकर्मियों के साथ सरकार ने जो किया वह जगजाहिर है. संविधान हमें अधिकार देता है कि कार्यपालिका यदि गलत करें तो हम न्यायालय जा सकते हैं. इसी विधानसभा में स्पीकर के खिलाफ जब हम कोर्ट गए तो न्यायालय ने उस पर सुनवाई की.
भूपेश ने कहा- मुझे लेकर कहा गया था कि बालको के मामले में कहा कि कोर्ट गए और हार गए, लेकिन मैं बताता चाहूंगा कि न्यायालय में 2005 से ये मामला पेंडिंग है. न्यायालय का पालन सरकार कहाँ करती है. एस्सार को सुप्रीम कोर्ट को मेरे पिटीशन पर 95 लाख रुपये का जुर्माना हुआ है. भैंसा कन्हार में सुप्रीम कोर्ट ने 6 करोड़ 66 लाख रुपये का जुर्माना अनिल लुनिया पर किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी आज तक कागज नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा कि सरकार यदि गलत करें तो हम सदन में ही नहीं न्यायालय में भी लड़ेंगे. न्यायालय में सरकार ने नगर निगम चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया था. हमारे लोग कोर्ट गए थे. पिटीशनर बने. हमारे लोगों के पिटीशन पर कोर्ट का फैसला आया और चुनाव हुए.
भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में चले जाइये एक मजदूर मनरेगा के तहत काम करते नहीं दिखेगा. सी रंगराजन की रिपोर्ट का उदाहरण देते थे गरीबी कम है लेकिन अब 47 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं. प्रदेश की आधी आबादी को गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिया है सरकार ने. 86 हजार करोड़ का बजट होने के बाद लोग संतुष्ट क्यों नहीं है. फिर भी लोग सड़कों और आंदोलन क्यों कर रहे है. सरकार के पास तनख्वाह देने के पैसे नहीं है.
बघेल ने कहा- कितने घोटाले हुए लेकिन आज तक जांच नहीं हुई, क्योंकि सरकार की संलिप्तता है. इंदिरा बैंक प्रियदर्शिनी घोटाले में नार्को टेस्ट की सीडी आ गई, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि घोटालों में कई बड़े लोगों का नाम आया है. नान घोटाले में कोई कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि इसमें भी कई बड़े नाम है.
भूपेश बघेल ने कहा- अंतागढ़ में प्रजातंत्र का चीरहरण किया गया. क्योंकि भूपेश बघेल को नीचा दिखाना है. यहां चुनाव आयोग भी गए, दिल्ली जाकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन भी किया, प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा.
झीरम घाटी हमले को लेकर सीएम ने कहा- पांच साल तक सीएम दबाकर रखे थे लेकिन उनके मुँह से स्लिप हो गया. उन्होंने कहा- कवासी सच बोल देगा तो देश मे बवाल हो जाएगा. हम शुरू से कहते आ रहे है कि झीरम घाटी की घटना आपराधिक राजनीतिक षड्यंत्र है. सीएम ये बात अच्छे से जानते हैं कि यह घटना नहीं सुनियोजित हत्या है. इसकी साजिस की जांच होनी चाहिए. क्योंकिं एनआईए इस पहलू पर जांच नहीं कर रही. पीड़ित परिवार के लोग नेता प्रतिपक्ष के साथ सीएम से मिलने गए थे. सीएम ने एक महीने का वादा किया था, लेकिन आज ढाई साल हो गए आज तक पीड़ित परिवारों की मुलाकात नहीं कराई. सदन में घोषणा करने के बाद यदि सीबीआई जांच नहीं हो रही है तो दाल में जरूर कुछ काला है. सिर्फ छत्तीसगढ़ हैं नहीं पूरी दुनिया ये जानना चाहती है कि हत्यारा कौन है. दुनिया मे इतने बड़े राजनितिक क्षेत्र के नेताओं की हत्या नहीं हुई.
सीडी कांड के मसले को सदन में उठाते हुए भूपेश बघेल ने कहा- जिस सीडी की बात हो रही थी सोशल मीडिया में एक महीने पहले से सर्कुलेट हो रहा था. बीजेपी के एक बड़े नेता को मैंने कहा था कि इस पर एफआईआर होनी चाहिए. एक महीने से जब सीडी सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रही थी तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं की. अचानक एफआईआर दर्ज कर दिल्ली जाकर विनोद वर्मा की गिरफ्तारी कर ली. पुलिस इतनी फास्ट हो गई. अमेरिका की एफबीआई को यहां आकर प्रशिक्षण लेना चाहिए. सीडी की टेम्परिंग किसने की उसकी खोज नहीं की गई. बीजेपी के आईटी के लोग बता रहे है कि सीडी नकली है.
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई विधायक नहीं है जिनके खिलाफ एफआईआर नहीं है. देवती कर्मा पर अपहरण का केस है. क्या देवती कर्मा किसी का अपहरण कर सकती है. टी एस सिंहदेव के खिलाफ जांच. मेरे तो पीछे ही पड़ गए हैं. जून के महीने में जमीन की जांच. मेरे पास तहसीलदार की रिपोर्ट है. रिपोर्ट में लिखा है कि मैंने गरीब आदिवासी की जमीन दबाई. ऋण पुस्तिका में गड़बड़ी पाई गई, उसे जप्त किया जाना चाहिए. उक्त जमीन भूपेश बघेल की प्रमाणित नहीं होती. मेरी माँ और पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया गया. जिसे सरकार ने गरीब की जमीन बता दिए उसके बगल की जमीन कि नीलामी नहीं करते. उसके बगल की जमीन पत्नि ने खरीदी. यदि जमीन अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित होती, गरीबी रेखा के लिए आरक्षित होती तो बगल जमीन की नीलामी नहीं होती.
भूपेश बघेल ने मांग करते हुए कहा कि सीडी मामले में सुप्रीम कोर्ट मोनीटर्ड सीबीआई जांच होनी चाहिए सीडी. उन्होंने कहा कि नंदकुमार पटेल, दिनेश पटेल, विद्याचरण शुक्ला को आपने सुरक्षा नहीं दी. उनकी हत्या कर दी गई. वैसा ही षड्यंत्र विनोद वर्मा के साथ सरकार कर रही है. ये षड्यंत्रकारी सरकार है.
मुख्यमंत्री बनने का दिवा स्वप्न देख रहे- अजय चंद्राकर
विपक्ष के आरोपों पर सफाई देते हुए संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि- विपक्ष के लोग जब भ्रष्टाचार की बात करते है तो इतनी तेजी से उछलते हैं कि मानो यहां विस्फोट हो जाये. ये अविश्वास प्रस्ताव मुख्यमंत्री बनने के दिवा स्वप्न देखने का नतीजा है. इसके जवाब में भूपेश बघेल ने कहा- मैं 30 विधायक लेकर चलता था, तब मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहा. मैं एक बात साफ कर दूं कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता. जिसे हाईकमान तय करेगा वह मुख्यमंत्री बनेगा लेकिन बहुमत लाने की जिम्मेदारी मेरी है और मैं लाकर रहूंगा….
अजय चंद्राकर ने कहा कि छाया वर्मा ने कहा भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बनने के दावेदार है. समाज के सामने. इस पर जवाब देते हुए भूपेश बघेल ने कहा- कुर्मी समाज विनोद वर्मा के लिए खड़ा हुआ था. कुर्मी समाज कभी मुख्यमंत्री बनाने खड़ा नहीं होता. अजय चंद्राकर ने कहा- ये लोग पानी मे रबड़ी बना रहे है. उन्होंने कहा- यूपी चुनाव में शीला दीक्षित मुख्यमंत्री की उम्मीदवार बनाई गई. युवराज की यूपी में खटिया सभा हुई. असर ये हुआ कि वहां कांग्रेस की खटिया खड़ी हो गई. नतीजा ये आया कि वहां कांग्रेस की संख्या पुन्नूलाल मोहिले के बच्चों से कम हो गई. संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि- मैं हर चुनाव में कहता हूं कि वामपंथियों का रिकॉर्ड गुजरात के बाद कोई तोड़ेगा तो मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह तोड़ेगे. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के विधेयक को राज्यसभा में पारित होने नहीं दिया. लोकसभा में पारित करा दिया लेकिन राज्यसभा में पारित होने नहीं दिया.
अजय चंद्राकर ने कहा- चार विधानसभा हो गई छत्तीसगढ़ में मजबूत विपक्ष होना चाहिए. वह कहते है कि मुझे चौदहवाँ प्लेयर ना कहा जाए इसलिए अविश्वास प्रस्ताव पेश करता हूँ. नेता प्रतिपक्ष दिवा स्वप्न देखने वाले के औजार बन गए हैं.