रायपुर. जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं. राज्य की दो प्रमुख पार्टियों भाजपा औऱ कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में सिर फुटौव्वल मची हुई है. नेता अपना टिकट पाने के चक्कर में एक दूसरे की पोल खोलने में जुटे हैं. जिससे किरकिरी इन पार्टियों की हो रही है. खासतौर पर इन दिनों सीडी औऱ वीडियो कांड की चपेट में सबसे ज्यादा कोई पार्टी है तो वो है कांग्रेस.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस चीफ भूपेश बघेल की कथित आवाज वाली एक सीडी हाल ही में जारी की गई. जिसमें कुछ खास लोगों के लिए टिकट की सिफारिश औऱ लाबिंग की जा रही थी. चूंकि बीमार होने की वजह से कांग्रेस चीफ भूपेश बघेल अस्पताल में थे इसलिए वो इस बारे में अपनी सफाई भी नहीं दे पा रहे थे और इधर नेताओं की सिर फुटौव्वल के चलते पार्टी की किरकिरी हो रही थी.
अब पार्टी नेतृत्व ने किसी भी तरह के स्टिंग औऱ खुफिया वीडियो के बवाल से बचने के लिए नया फार्मूला अपनाया है. चूंकि पप्पू फरिश्ता के वीडियो कांड की जानकारी पार्टी प्रमुख राहुल गांधी तक पहुंच गई. इसलिए आलाकमान से इस बारे में साफ निर्देश दिए गए कि दिल्ली औऱ छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख औऱ बड़े कांग्रेस नेता सिर्फ वीडियो कालिंग के जरिए ही दूसरे नेताओं से बात करेंगे ताकि भविष्य में पार्टी को किसी सीडी और वीडियो कांड में फंसकर फजीहत न करानी पड़े.
पार्टी चीफ भूपेश बघेल की कथित आवाज होने का दावा करने वाले टेप से कांग्रेस के बड़े नेता खासे असहज हैं. इसलिए पार्टी अब फूंक-फूंककर कदम रख रही है. चूंकि पार्टी से टिकट पाने के दावेदार कई हैं तो ऐसे में एक दूसरे को पटखनी देने के चक्कर में अति उत्साही नेता कहीं टेप तो कहीं वीडियो जारी कर शह-मात का खेल खेल रहे हैं लेकिन पार्टी इनमें पड़कर अपनी फजीहत नहीं कराना चाहती है. इसलिए उसने दो टूक निर्देश जारी कर दिया है कि पार्टी के बड़े नेता सिर्फ वीडियो कालिंग के जरिए ही छोटे नेताओँ या टिकट के दावेदारों से बात करेंगे. वैसे कांग्रेस में कोई भी नेता इस बारे में खुलकर कुछ नहीं कह रहा है लेकिन इतना साफ है कि पार्टी की टाप लीडरशिप को दिल्ली से बेहद सतर्क रहने के निर्देश मिले हैं ताकि पार्टी टेप कांडों में उलझने के बजाय सत्ता वापसी के मिशन पर फोकस रहकर काम कर सके.