रायपुर। इस चुनावी साल में कुछ और पुलिस वालों की लाटरी लग सकती है. जी हां इस साल छत्तीसगढ़ के चौथे विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं जिसमें किस्मत अजमाने कई पुलिस कर्मी कतार में हैं. हाल ही में दो पुलिस कर्मियों ने इस्तीफा सौंप कर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. जिसमें डीएसपी विभोर सिंह ने कोटा विधानसभा के लिए और इंस्पेक्टर गिरिजाशंकर जौहर ने मस्तूरी विधानसभा से अपनी ताल ठोंकी है. दोनों अधिकारियों ने कांग्रेस की टिकट से चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. कांग्रेस भी इन्हें मैदान में उतार सकती है इसकी वजह पिछले चुनाव में मैदान में उतरे सभी पुलिस कर्मियों को मिली सफलता है. 2013 के चुनाव में 5 पुलिस कर्मियों ने चुनाव लड़ा और वे सभी जीत कर आए. जिसमें कि 4 कांग्रेस की टिकट से और 1 भाजपा की टिकट पर जीत हासिल किये थे. लिहाजा विभोर सिंह की कोटा विधानसभा से और गिरिजाशंकर जौहर की मस्तूरी से टिकट पक्की मानी जा रही है.
पिछले चुनाव में इन्हें मिली सफलता
- अनिला भेड़िया(आईपीएस की पत्नी)- डौंडीलोहारा
- आरके राय(डीएसपी)- गुंडरदेही
- श्यामलाल कंवर(डीएसपी)- रामपुर
- संतराम नेताम(हवलदार)- केशकाल
- रामलाल चौहान(इंस्पेक्टर)- सराईपाली
इनमें से श्यामलाल कंवर ने तत्कालीन गृहमंत्री ननकी राम कंवर को हराकर चुनाव जीता है. ननकीराम कंवर जो की गृहमंत्री थे और उन्हीं के अंडर में पुलिस विभाग आता है. गौरतलब है कि पुलिस में नौकरी करने वाले प्रशासन का हिस्सा होते हैं जिनके कंधों पर लॉ एंड आर्डर की जिम्मेदारी तो होती ही है साथ ही सत्ता के निर्देश के अनुरुप भी इन्हें कार्य करना पड़ता है. ऐसे में पुलिस कर्मियों का रुख अगर नौकरी की बजाय नेतागिरी की ओर है तो लाजमी है कि उनका झुकाव सत्तारुढ़ दल की ओर ही हो लेकिन पिछले चुनाव और आगामी चुनाव में दावेदारी की बात करें तो इसका नजारा उल्टा ही नजर आ रहा है. ज्यादातर पुलिस कर्मियों की पसंद विपक्षी दल कांग्रेस ही दिखाई पड़ रही है.