रायपुर. रमन कैबिनेट की बैठक में दो बड़े फैसले लिए गए हैं. राज्य सरकार ने 14 वें वित्त आयोग के मद में केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि मे से 600 करोड़ रुपये मोबाइल कंपनियों को देने का फैसला किया है. जिन कंपनियों को ये राशि दी जाएगी उनमें निजी कंपनियां भी शामिल है. दरअसल राज्य सरकार ने 3 सालों में 55 लाख मोबाइल बांटने का फैसला किया है. और इन मोबाइल को कनेक्टिविटी देने के लिये नए टावर लगाने में ये राशि खर्च की जाएगी.
योजना का ऐलान करते समय सरकार ने विधानसभा में कहा था कि कनेक्टिविटी देने के लिए मोबाइल कंपनियां स्वयं के खर्च पर टावर स्थापित करेंगी. लेकिन आज कैबिनेट की बैठक में इसमे बड़ा बदलाव करते हुए सरकार ने अपने खर्च पर टावर लगाने का फैसला किया है. 14 वें वित्त आयोग की राशि ग्राम पंचायतों के विकास के लिये सीधे पंचायतों को दी जाती है. छत्तीसगढ़ में लगभग 20 हजार ग्राम पंचायत है. इस लिहाज से लगभग प्रत्येक ग्राम पंचायत के विकास के हिस्से की 3 लाख रुपये की राशि मोबाइल टावर लगाने में खर्च होगी.
वहीं कैबिनेट की बैठक में पुलिस महकमे में डीजी के तीन पद बढ़ाने का प्रस्ताव भी आया, जिसका अनुमोदन कर दिया गया. राज्य के तीन वरिष्ठ आईपीएस आर के विज, संजय पिल्ले और मुकेश गुप्ता जनवरी से डीजी पद के लिए योग्य हो जाएंगे. लिहाजा उन्हें पदोन्नति देने के लिए सरकार ने ये फैसला किया है. छत्तीसगढ़ में डीजी के 3 पद केंद्र से स्वीकृत हैं. इसके बाद ये तीन अतिरिक्त पद स्वीकृत करने के लिए अब केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
इन दोनों ही प्रस्तावों का कैबिनेट की बैठक में कई मंत्रियों ने तीखा विरोध किया. मंत्रियों ने दलील दी कि 14 वें वित्त आयोग की राशि खर्च करने के लिए केंद्र सरकार से मापदंड निर्धारित हैं, उससे अलग हटकर राशि खर्च नहीं की जा सकती. वहीं डीजी के पद सृजित करने को लेकर पूर्व में केंद्र सरकार की की गई आपत्तियों का हवाला दिया गया. इसके बाजवूद दोनों प्रस्ताव पास करा दिए गए.
कैबिनेट की बैठक में शिक्षाकर्मी आंदोलन को लेकर भी चर्चा हुई. अधिकारियों ने जानकारी दी कि स्कूलों में चपरासी, साक्षरता प्रेरक और दूसरे सरकारी कर्मचारी बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन हड़ताल खत्म कराने को लेकर पंचायत और स्कूल शिक्षा विभाग कोई फॉर्मूला पेश नहीं कर सका और इस पर कोई फैसला भी नहीं हुआ. कैबिनेट की बैठक में शिक्षाकर्मियों की हड़ताल खत्म कराने को लेकर सरकार के पास कोई फार्मूला नहीं होने पर असंतोष जाहिर करते हुए मंत्रियों ने गहरी चिंता जताई.