मनोज यादव, कोरबा। कोरोना की वजह से संपूर्ण देश में चौथे चरण का लॉकडाउन है. ऐसे समय में दूसरे राज्यों में फंसे हुए आम नागरिक, छात्र एवं मजदूरों की घर वापसी हो रही है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग कोरबा ने जिला अस्पताल में कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों की जांच और परामर्श की व्यवस्था की है. इसके तहत विशेष “फीवर क्लीनिक” शुरू किया है. क्लीनिक में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा सुबह 8 बजे से 1 बजे तक सेवाएं दी जा रही हैं.


जिला अस्पताल के एक हिस्से में विशेष “फीवर क्लीनिक” खोला गया है..बड़े से हॉल और अन्य कमरों में वायरस से बचने के सारे इंतजाम किए गए हैं. जांच करने वाले डॉक्टर एक तरह की प्लास्टिक के कक्ष में बैठकर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं. अस्पताल के मुख्य गेट पर मरीजों को हाथ धुलाकर और सेनीटाइज कर ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं गेट पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है, जो मरीजों से अस्पताल पहुंचने के कारण की पड़ताल कर संदिग्ध लक्षण वालों को फीवर क्लीनिक भेज रहे हैं. मुंह पर मास्क या फिर कपड़ा बांधना और दूरी बनाकर लाइन में लगना अनिवार्य है. वहीं सामान्य मरीजों को इलाज मुहैय्या कराने की आवश्यकता को देखते हुए जिला अस्पताल में ओपीडी इमरजेंसी सेवा फिर से शुरू कर दी गई है. लेकिन यहां आने वाले मरीजों को सुरक्षात्मक उपाय अपनाने के बाद ही अस्पताल में प्रवेश दिया जा रहा है. हालांकि आवागमन का साधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा कम है.


सिविल सर्जन और विशेषज्ञ डॉक्टर कर रहे जांच
सीएमएचओ डॉ. बी.बी. बोर्डे ने बताया कोरोनावायरस का संक्रमण का प्रसार ना हो इसके लिए हर तरह से एहतियात बरती जा रही है. एक ओर जहां संदिग्धों के टेस्ट किए जा रहे हैं. सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी वाले मरीजों के लिए फीवर क्लीनिक शुरू किया गया है. विशेष क्लीनिक में सिविल सर्जन डॉ. अरूण तिवारी और विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ. के.एल. ध्रुव, डॉ. बी.के. झलारिया, डॉ. आर.के. दिव्य, डॉ.सी.एन. डे, डॉ. अन्नया श्रीवास्, डॉ. रविकांत राठौर, डॉ. विक्रम राठौर एवं अन्य मरीजों की जांच और परामर्श दे रहे हैं. वहीं आईसीटीसी परामर्शदाता बीना मिस्त्री दवा, जांच सुविधा और व्यवस्थागत सारी व्यवस्था संभाल रही हैं. वीना मिस्त्री ने बताया प्रतिदिन फीवर क्लीनिक में औसतन 40 से 50 मरीज आ रहे हैं.