रायपुर। जगदलपुर से निकली शांति साइकिल यात्रा आज राजधानी पहुँची. राजधानी पहुँचने के बाद आदिवासी छात्र-छात्राओं ने जनप्रतनिधियों के साथ पैदल मार्च भी किया. पचपेड़ी नाका से पैदल मार्च करते हुए सभी सिद्धार्थ चौक, कालीबाड़ी, घड़ी चौक हुए अंबेडकर चौक पहुँचे. यहां डॉ भीरामव अंबेडकर की प्रतिमा के नीचे बैठक सभी जंल-जंगल-जमीन पर अपनी आवाज बुलंद की. आपको बता दे कि बस्तर से 22 फरवरी को 300 आदिवासी युवा दक्षिण बस्तर में शांति बहाली की मांग, जंगल से बेदखली रोकने सहित बस्तर में हिंसा के कारण आन्ध्र प्रदेश में बसे हैं परिवारों को छत्तीसगढ़ लौट सके ऐसे महौल बनाने की मांग को लेकर राजधानी पहुँचे थे.
आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष अमरजीत भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वनों पर मूल अधिकार मूलनिवासियों का है. केन्द्र सरकार की लापरवाही के चलते सुप्रीम कोर्ट से आदिवासियों पर संकट पैदा हुआ. आदिवासी हैं तो जंगल है, जंगल है तो हम सब हैं. आदिवासी इलाके में शांति कायम करे, वहां उनके अधिकारों के साथ खिलवाड़ न हो यह प्रयास किया जाएगा. हम सब आज रैली के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि आदिवासी अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा. आदिवासी जहां हैं वहीं रहेंगे उन्हें बेदखल, बेघर होने नहीं दिया जाएगा. कांग्रेस पार्टी आदिवासी हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयास करती रहेगी.