रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सुप्रीमो अजीत जोगी ने आखिकार उन दो विधायकों के नाम बतौर प्रत्याशी घोषित कर ही दिए जो कांग्रेस बगावत कर जोगी की नई पार्टी के साथ है. बात हो रही है गुण्डरदेही से विधायक आरके राय और बिल्हा से विधायक सियाराम कौशिक की. हालांकि यह पूर्व से ही तय जब से वे अजीत जोगी के साथ हैं. लेकिन अधिकृत तौर घोषणा का इंतजार ये खुद भी कर रहे थे.

सियाराम कौशिक 2013 में कांग्रेस पार्टी से विधायक चुने गए थे. उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक को हराया था. बिल्हा क्षेत्र में सियाराम कौशिक बड़े ताकतवर नेता माने जाते हैं. सियाराम हमेशा से अजीत जोगी के कट्टर समर्थक के तौर जाने जाते हैं. अजीत जोगी ने जब 2016 में अपनी नई पार्टी बनाई तो सियाराम भी उनके पार्टी के साथ चले गए. हालांकि उन्होंने विधिवत कोई सदस्यता जनता कांग्रेस में नहीं ली थी. लेकिन वे कांग्रेस से बगावत कर अजीत जोगी की पार्टी के हर कार्यक्रम में, आंदोलन में शामिल होते रहे और कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोलते रहे. बीते दिनों ही उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनके दरवाजे पर कांग्रेस के नेता उन्हें टिकट देने के लिए चप्पल घिस रहे हैं.  आपको यह भी बता दे किन बीते वर्ष उनके पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस पार्टी ने निलंबित किया था.

आरके राय गुण्डरदेही से 2013 में पहली बार विधायक चुने गए थे.  कांग्रेस पार्टी से ही राय भी निर्वाचित हुए थे. लेकिन आरके राय ने भी सियाराम की तरह कांग्रेस पार्टी में रहते हुए अजीत जोगी का साथ दिया. अजीत जोगी की नई पार्टी के गठन के बाद राय कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी करते रहे. कांग्रेस के खिलाफ बोलने के चलते ही उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. आरके राय ने पुलिस विभाग स्व इच्छा रिटायरमेंट लेकर राजनीति में प्रवेश किया था. राय वैसे अजीत जोगी के कहने पर ही राजनीति में आए थे. और उन्हें जोगी ने कांग्रेस पार्टी से टिकट दिलवाई भी और जिताया भी था. लिहाजा वे कांग्रेस में रहते हुए भी जोगी के साथ और जोगी कांग्रेस से अलग होने के बाद भी जोगी के साथ हैं.