कोरबा। छत्तीसगढ़ के दौरै पर पहुंचे राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी और सीएम रमन सिंह के ऊपर तीखा हमला बोला. राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में जमीन अधिग्रहण को लेकर रमन सरकार के साथ ही पीएम मोदी को जमकर आड़े हाथों लिया. राहुल ने कहा कि यहां जमीन की समस्या है, छग में ये एक बड़ा मुद्दा है आपसे जमीन छीनी जाती है सही मुआवजा नहीं दिया जाता, सही रेट नहीं मिलता और फिर जमीन छीनी भी जाती है और उद्योग नहीं लगता तो जमीन वापस भी नहीं किया जाता. 2013 में उत्तर प्रदेश मे ंएक आंदोलन चला, भट्टापरसौल में किसानों ने एक आंदोलन चलाया क्योंकि उस समय की सरकार ने उत्तरप्रदेश के किसानों की हजारों एकड़ जमीनें छीनी थी और ना उनको मुआवजा दिया ना उनकी कोई मदद की. मैं वहां गया था किसानों से बात किया और मैं वहां उनके साथ खड़ा हो गया. उसका नतीजा था कि 2013 में पार्लियामेंट में जमीन अधिग्रहण बिल पास हुआ, ये ऐतिहासिक कानून था. उसमें लिखा था जमीन किसान की है जमीन गरीब की है जमीन आदिवासी की है और उससे जमीन ली जाएगी तो बगैर पूछे जमीन नहीं ली जा सकती और अगर किसान ने हां बोला आदिवासी हां बोला अपनी जमीन देने के लिए तो फिर मार्केट रेट से 4 गुना ज्यादा पैसा उसके बैंक अकाउंट में डालना ही पड़ेगा. आखरी बात कानून में मान लो किसी उद्योगपति ने किसी सरकार ने विकास के लिए प्रगति के लिए जमीन ली वहां कोई उद्योग लगना है, कोई प्रोजेक्ट लगना है कोई पावर प्लांट लगना है. तो अगर 5 साल के अंदर वो प्रोजेक्ट तैयार नहीं हुआ और पांच साल के अंदर उस प्रोजेक्ट का फायदा प्रदेश की जनता को और किसानों को नहीं मिला तो वो जमीन वापस किसान के हाथ में चली जाएगी. और जब हमने यह कानून पास किया तब पहले सबने विरोध किया.
मेरे बारे में मेरे प्रेस के मित्रों ने बहुत लंबी कहानियां लिखी कि राहुल गांधी विकास का विरोध कर रहा है, किसानों की जमीन बचा रहा है, आदिवासियों की जमीन बचा रहा है. और जब कानून लागू हुआ तो पता लगा जब किसानों को सही रेट दिया गया, आदिवासियों और गरीब जनता को सही रेट दिया गया. उनकी बात सुनकर उनकी जमीन ली गई तो उन्होंने खुशी से जमीन दी और बहुत तेजी से जमीन का मसला सुलझ जाता था. सुषमा स्वराज पार्लियामेंट में बैठकर मुस्कुराते हुए इस बिल का समर्थन किया था. मोदी जी आए उनका पहला काम जमीन अधिग्रहण बिल को रद्द करने का था. पार्लियामेंट में उन्होंने तीन बार कोशिश किया आर्डिनेंस लाए कांग्रेस पीछे नहीं हटी. कांग्रेस ने कहा किसानों की जमीन आदिवासी की जमीनों की रक्षा करेंगे, तुम्हें जो करना है कर लो यह बिल आप पास नहीं कर सकते. जब मोदी को पता लगा कि कांग्रेस हटेगी नहीं और बदनाम हो रहे थे. आपको सूटबूट शब्द याद होगा मैंने कहा था कि आपकी किसानों की सरकार नहीं मजूदरों की सरकार नहीं है सूटबूट वालों की सरकार है.
राहुल ने कहा मोदी जी घबरा गए अपने चीफ मिनिस्टर से कहा छग में मप्र में राजस्थान और उप्र जो जमीन का मामला है उसे अपने ही स्टेट में निपट लो. इसको हम पार्लियामेंट में बदल नहीं सकते हैं लेकिन तुम स्टेट में लागू मत करो. इसका नतीजा है कि आज छग में बिना आपसे किसानों से आदिवासियों से पूछे जमीन छीन ली जा सकती है. और जब 5 साल तक उद्योग नहीं लगता तब भी आपकी जमीन आपको वापस नहीं मिलती है आपको सही मुआवजा भी नहीं मिलता है. कांग्रेस की यहां सरकार आने वाली है छग का किसान हमारा समर्थन कर रहा है. जैसे ही छग में कांग्रेस की सरकार आएगी वैसे ही हम यहां जमीन अधिग्रहण बिल लागू कर देंगे. और जो आपका है जो जमीन आपकी है उसका फायदा उसका सही दाम आपको दिलाएंगे. देश को किसान चलाता है पिछले साढ़े चार साल में हिन्दुस्तान की सरकार ने साढे़े तीन लाख करोड़ रुपए हिन्दुस्तान के 15 सबसे अमीर उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया है. छग के सीएम और नरेन्द्र मोदी ने किसान का 1 रुपए माफ नहीं किया. मैं स्वयं नरेन्द्र मोदी जी के पास गया था उनके आफिस में गया था मैंने नरेन्द्र मोदी से कहा कि मोदी जी जैसे आपने इन 15 उद्योगपतियों का साढ़े तीन लाख करोड़े रुपए माफ किया है, आप देश के करोड़ों किसानों का थोड़ा सा कर्ज माफ कर दो और नरेन्द्र मोदी ने कोई जवाब नहीं दिया. छत्तीसगढ़ में किसान के साथ क्या होता है आप जानते हैं एमएसपी नहीं मिलती धान के लिए वायदा किया था 2100 रुपए मिलेगा, 1700 दे रहे है और वायदा था 2100 का, बोनस बंद कर दिया. मैं छग के किसान को कहना चाहता हूं हम आपके लिए तीन काम करने वाले हैं, 10 दिन के भीतर कर्जा माफ करने जा रहे हैं, बोनस फिर से शुरु करने जा रहे हैं. दो साल के लिए बीजेपी के सीएम और बीजेपी के नेताओं ने जो आपको बोनस नहीं दिया वो हम एक साथ पूरा आपको देंगे.