स्वास्थ्य को लेकर प्रदेश में सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है. अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं जनता को मुहैया कराने को लेकर जिलों से लेकर गांव-गांव तक इन्फ्रास्ट्रक्चर सरकार द्वारा खड़ा कर दिया गया है. वहीं योग भारत की एक ऐसी सबसे प्राचीन विद्या है जिसे जीवन में अपना कर निरोग रहा जा सकता है और अस्पताल के चक्कर से लोगों को मुक्ति मिल सकती है. योग की इसी तासीर को देखते हुए अब अनेकों देश भी इसे अपना चुके हैं. वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया है. छत्तीसगढ़ में डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश ने योग में विश्व रिकॉर्ड भी स्थापित किया है. साथ ही प्रदेश को योग से जोड़ने के लिए रमन सरकार ने अहम फैसला लेते हुए सूबे में योग आयोग का गठन कर दिया है. जिसके साथ छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है जिसने योग के लिए अलग से एक आयोग का गठन किया है. आईये बताते हैं योग से कैसे छत्तीसगढ़ हो रहा है निरोग

21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस… दिल्ली के राजपथ से लेकर छत्तीसगढ़ और प्रत्येक राज्य में एक साथ करोड़ों लोगों ने योग किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर बच्चों और बड़ों ने भी योग किया. कपालभाती, अनुलोम विलोम जैसे आसन पूरे विश्व ने एक साथ किया. वजह थी योग से खुद को निरोग रखने की. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है. यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है. योग को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इसकी पहल की. 27 सितंबर 2014 को मोदी ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है. यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है. हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है. तो आयें एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं. 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली. प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है. जिसके बाद अगले वर्ष 21 जून 2015 को एक साथ सारे देशों ने मिलकर योग किया. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गणमान्य लोगों सहित करीब 36000 लोगों ने , 21 जून 2015 को नई दिल्ली में पहले अंतर्राष्ट्रीय दिवस के लिए 35 मिनट तक 21योग आसन का प्रदर्शन किया. राजपथ पर हुए समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स की स्थापना की, सबसे बड़ी योग क्लास 35,985 लोगों के साथ और चौरासी देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया.

छत्तीसगढ़ में भी 21 जून को हर साल योग दिवस को मनाया जाता है. मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित सभी मंत्रियों ने अलग-अलग जिलों में कमान संभाली और योग किया. इस दौरान छत्तीसगढ़ ने योग की दिशा में हर साल नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया. 2017 में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर 50 लाख से ज्यादा लोगों ने एक साथ योगाभ्यास किया था. प्रदेश के लगभग 11 हजार स्थानों पर स्कूली बच्चों, बुजुर्गो, युवाओं और महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों ने पूरे उत्साह के साथ योगाभ्यास किया. मुख्यमंत्री डॉ. सिंह राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब (विवेकानंद सरोवर) के सामने इंडोर स्टेडियम में 600 स्कूली बच्चों के साथ एक घण्टे तक सामान्य योग अभ्यास किया. वहीं इस साल छत्तीसगढ़ ने योग में फिर विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया. प्रदेश की आधी आबादी तकरीबन सवा करोड़ लोगों ने प्रदेश के सभी 27 जिलों में योगाभ्यास कर नया कीर्तिमान बनाया था. जो कि प्रदेश के लिए किसी गौरव से कम नहीं था.

छत्तीसगढ़ ने ना सिर्फ योग में हर साल एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है बल्कि प्रदेश ने अन्य राज्यों से एक कदम आगे बढ़ाते हुए सूबे में योग आयोग की स्थापना की. योग आयोग स्थापना करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने योग को यह दर्जा दिया.  शहर से लेकर गांव तक, युवा से लेकर वयोवृद्ध तक को इस अभियान से जोड़ा. सूबे में अप्रैल 2017 को सरकार ने योग आयोग का गठन किया. जिसका कार्य स्कूल से लेकर पंचायत तक योग शिक्षा का विस्तार करना है. योग आयोग ने इस दिशा में काम करते हुए सालभर तक शहर से लेकर  गांव-गांव तक योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश में 21 हजार योग प्रशिक्षक तैयार किए गए. ये विभिन्न जिलों और गांवों से हैं और लोगों को नियमित योग करा रहे हैं. योग दिवस पर सभी प्रशिक्षक सामूहिक योगाभ्यास करवाएंगे. योग आयोग ने धमतरी की रहने वाली ने अंतर्राष्ट्रीय योग खिलाड़ी दामिनी को अपना ब्रांड एम्बेस्डर बनाया. दामिनी ने 2017 में नेपाल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय साउथ एशियन योगा स्पोर्ट्स में पाकिस्तान के खिलाड़ी को धूल चटाकर गोल्ड मैडल जीता. गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली दामिनी की इस उपलब्धि को देखते हुए योग आयोग ने उसे अपना ब्रांड एम्बेस्डर घोषित किया था.

योग विश्व इतिहास का सबसे पुराना विज्ञान है, जिसने व्यक्ति के अध्यात्मिक और शारीरिक क्रियाकलापों के लिए नए द्वार खोले. योग का वर्णन वेदों एवं जैन ग्रंथों में में मिलता है. योग ऋषियों के जमाने से चलता आ रहा है और इसके जरिए कठिन से कठिन बीमारियों का इलाज योग आसनों के जरिए किया जाता था. माना जाता है कि योग करने से व्यक्ति निरोग रहता है और 100 साल से भी ज्यादा तक वह जीवित रह सकता है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ ने योग को अपनाया और आज स्कूल, कॉलेजों से लेकर पार्कों में बच्चों से लेकर वृद्ध तक योग करते देखे जा सकते हैं. वहीं फिजिकल ट्रेनर भी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग की क्लास लेते हैं.  योग में कई देशों में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाले योग प्रशिक्षक कप्तान सिंह कहते हैं कि छत्तीसगढ़ के भीतर में अब योग हर एक व्यक्ति के जीवन का हिस्सा बन चुका है.

 

योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने के लिए रमन राज्य सरकार द्वारा स्कूल और कॉलेजों में इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया. पाठ्यक्रम में शामिल कर आज सरकार द्वारा इसकी शिक्षा दी जा रही है. डिग्री से लेकर सर्टिफेकट कोर्स कराए जा रहे हैं. योग से ना सिर्फ बच्चों से लेकर युवाओं को निरोग बनाने का काम सरकार कर रही है बल्कि योग युवाओं का कैरियर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

 

प्रदेश में योग को सरकार ने एक नई दिशा दी है इसे शिक्षा का हिस्सा बनाकर युवाओं को भी इससे सीधा जोड़ दिया है. पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में योग के कई कोर्सेज चलाए जा रहे हैं. जिसमें सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री तक दी जा रही है. योग आयोग के बन जाने और सरकार द्वारा इस दिशा में किए कार्यों को देखकर इन कोर्सेस में बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएं प्रवेश ले रहे हैं. योग का जो पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है उसमें प्राचीन ग्रंथों को भी शामिल किया गया है.

योग शिक्षा के जरिए आज बेरोजगार युवकों को देश के साथ ही विदेशों में भी रोजगार मिल रहा है. योग को अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने की घोषणा के बाद विश्व के अनेक देशों में योग ट्रेनरों की डिमांड भी बढ़ गई है. छत्तीसगढ़ के योग प्रशिक्षक विश्व के कई देशों में लोगों को प्रशिक्षण देने का भी कार्य कर रहे हैं.

योग की शिक्षा लेने वाले छात्राएं बताती हैं कि नियमित योग से उन्हें भी लाभ हुआ है. उनकी कई बीमारियां दूर हुई है. अब वे पहले से ज्यादा स्वस्थ्य हैं. वहीं युवा इसके लिए पीएम मोदी और मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को धन्यवाद दे रहे हैं कि उन्होंने प्रदेश में योग आयोग बनाया और उसे शिक्षा में शामिल करने का कार्य किया.

निश्चित योगा के जरिए तन और मन को स्वस्थ रखा जा सकता है. लेकिन अब यह योगा वैश्विक स्तर पर अपना पहचान बना लिया है. जिसकी वजह से भारतीय युवाओं को विदेशों में भी अपना कैरियर बनाने में मदद मिल रही है. जिसमें कि बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के युवा भी शामिल हैं. जिसका श्रेय मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को ही जाता है. जिनके योग से छत्तीसगढ़ निरोग हो रहा है.

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