रायपुर। डेंगू से लगातार हो रही मौत के बाद छत्तीसगढ़ मचे हड़कंप के बीच आज स्वास्थ विभाग की ओर से प्रेसवार्ता किया गया. स्वास्थ्य आयुक्त आर. प्रसन्ना प्रेसवार्ता कर डेंगू से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. लेकिन स्वास्थ्य आयुक्त पत्रकार वार्ता में सरकारी दावों के बीच सवालों से उलझे हुए नजर. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सरकारी आंकड़ा में बताया गया कि अभी तक सिर्फ 7 लोगों की मौत हुई है. जबकि सच्चाई ये है कि पूरे प्रदेश भर में ये संख्या 23 से अधिक हो गई है. वहीं यह बताया गया कि 520 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही 1556 लोगों का रक्त सेंपल लिया गया है.
लेकिन सरकारी दावों के बीच स्थिति यह है कि डेंगू का असर अब दुर्ग-भिलाई के बाद पूरे प्रदेश में दिखाई दे रहा है. सरकारी अस्पतालों में डेंगू पीड़ितों का इलाज नहीं हो रहा है. और तो और निजी अस्पतालों में भी सरकारी निर्देंशों का पालन नहीं हो रहा है. डेंगू ने महामारी का रूप ले लिया है, लेकिन सरकार इसे महामारी मानने के लिए तैयार हैं. दूसरी ओर अब लोगों का सब्र टूटने लगा है. लोग इतने में गुस्से में हैं कि सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. अलग-अलग जगहों से शिकायतें आ रही है कि कहीं इलाज नहीं रहा है, कहीं निजी अस्पतालों की मनमानी चल रही है. वहींं इनके सबके बीच सरकार की ओर से सिर्फ संजीवनी कोष के तहत दुर्ग-भिलाई में डेंगू पीड़ितों के इलाज के लिए निजी अस्तालों में सुविधा दी है. मतलब अभी प्रदेश भर में डेंगू पीड़ितों का मुफ्त में इलाज निजी अस्पतालों में नहीं होगा. वहीं स्वास्थ्य मंत्री की ओर से दिए गए बयान निजी अस्पताल सहयोग करे नहीं तो कार्रवाई होगी को लेकर निजी डॉक्टर्स नाराज हो गए हैं.
स्वास्थ्य आयुक्त आर प्रसन्ना के मुताबिक-