दिल्ली। लोकसभा और राज्यसभा में सत्र समाप्ति के अंतिम दिन के पहले छत्तीसगढ़ के भाजपा और कांग्रेस सांसदों की अहम मुलाकात हुई. यह मुलाकात भाजपा से राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के घर हुई. सांसदों ने अंतिम सत्र के मद्देनजर एक-दूसरे को बधाई देने एक जगह पर साथ मिले. मुलाकात के दौरान चार सांसद मौजूद नहीं थे. इसमें भाजपा सांसद अभिषेक सिंह, राज्यसभा सदस्य रणविजय सिंह, कांग्रेस सांसद ताम्रध्वज साहू और राज्यसभा सदस्य मोतीलाल वोरा. लेकिन 12 सांसद मौजूद रहे. सभी रामविचर नेताम के घर मिले और घंटों तक बातचीत करते रहे हैं. हालांकि राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय ज्यादा देर नहीं रुकी और जल्दी चली गई. लेकिन बाकी सांसदों ने सत्र समाप्ति के पहले एक-दूसरे को विदाई देते हुए खुलकर बातचीत की.
सांसदों के बीच चर्चा सबसे अधिक छत्तीसगढ़ में नई सरकार के काम-काज और लोकसभा चुनाव में टिकट किसे मिलेगी किसे नहीं को लेकर होती रही. कुछ सांसदों ने भूपेश सरकार के काम-काज की जमकर तारीफ की. कहां छत्तीसगढ़ कि हितों को ध्यान में रखकर काम हो रहा है. छत्तीसगढ़ की झलक और महक इस सरकार में है. लेकिन भूपेश सरकार कुछ ताबातोड़ लिए जांच कराने वालें फैसलों की आलोचन में हुई. अगर भूपेश सरकार कुछ गैर जरूरी फैसले नहीं लिए तो सरकार बिना किसी दिक्कत के चलेगी.
वहीं सांसदों ने हास-परिहास के साथ एक-दूसरे यह भी कहते रहे हैं कि टिकट मिलेगी या नहीं. मतलब सांसदों के बीच टिकट को लेकर जमकर चर्चा होती रही. तब भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद बंशीलाल महतो ने एक कहानी भी बताई. वहीं सांसद रमेश बैस ने कहा कि पार्टी का जो भी निर्णय होगा वह मान्य होगा. वैसे सांसदों के चर्चा में कुछ यही भी कहते रहे हैं स्थानीय को मिलेगा तो ही जीतेंगे. बैठक में कांग्रेस की ओर से सिर्फ राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा जबकि भाजपा की ओर से लोकसभा सदस्य रमेश बैस, बंशीलाल महतो, विक्रम उसेंडी, विष्णुदेव साय, कमलभान, कमला पाटले, लखनलाल साहू, चंदूलाल साहू, राज्यसभा सदस्य सरोज पाण्डेय, रामविचार नेताम मौजूद थे.