रायपुर- नमक, चना और चावल के वितरण के मुद्दे पर गरमायी सियासत के बीच राज्य शासन ने उन उचित मूल्य के दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकार नमक, चना और चावल का वितरण बंद नहीं कर रही है. बंद किए जाने की चर्चा भ्रामक है. बीजापुर कलेक्टर ने भी बीजापुर, भैरमगढ़ और भोपालपट्टनम के एसडीएम को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि अफवाह फैलाने वाले उचित मूल्य के दुकानदारों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ अतिशीघ्र जांच किया जाए. साथ ही जांच में दोषी पाए जाने वाले दुकानदार का लाइसेंस रद्द कर नियमानुसार दंडात्मक कार्यवाही की जाए.

बता दें कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बीजेपी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने भी अपने बयान में नमक, चना और चावल वितरण योजना बंद किए जाने का बार-बार जिक्र कर सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं. इस बीच शासन की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वितरण बंद नहीं किया गया है. नमक, चना वितरण पर हो रही राजनीति के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रविवार को जारी एक वीडियो बयान में कहा था कि बीजेपी ऐसा भ्रम फैला रही है. खासतौर पर आदिवासी इलाकों में. उन्होंने कहा था कि यह केवल अफवाह है. लोग अफवाहों में न आए. भूपेश बघेल ने अपने बयान में कहा था कि सरकार अच्छी क्वालिटी का नमक और चना उपलब्ध करा रही है.

इधर कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने भी चुनाव आयोग में बीजेपी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने भ्रामक, भड़काऊ और जनता को गुमराह करने वाले चुनावी भाषण देकर आचार संहिता का उल्लंघन किया है. कांग्रेस ने आयोग से कानूनी कार्यवाही की मांग की है.