रायपुर। स्वास्थ्य क्षेत्र की दो बड़ी योजनाओं का भुगतान नहीं होने से नाराज डॉक्टरों ने आईएमए के नेतृत्व में आज राजधानी के डीकेएस परिसर स्थित स्वास्थ्य संचनालय में धरना प्रदर्शन किया. डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग के दो बड़े अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य संचालक आर प्रसन्ना और अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजेन्द्र कटरे को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है.

आईएमए के डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में लोगों का इलाज किया गया लेकिन पिछले तीन साल का भुगतान 2015 से लेकर 2018 तक का रोक दिया गया है. डॉ गुप्ता का दावा है कि अस्पतालों के पास मरीजों के इलाज से संबंधित सभी वैध दस्तावेज उपलब्ध हैं. इसके बावजूद बिल भुगतान नहीं किया जा रहा. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य संचालक आर प्रसन्ना और एडिशनल सीईओ विजेन्द्र कटरे को जिम्मेदार बताया है साथ ही दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग भी की है.

डॉ राकेश गुप्ता का कहना है कि बिल के भुगतान न होने से प्रदेश के 400 से ज्यादा छोटे बड़े अस्पताल और नर्सिंग होम प्रभावित हुए हैं. उन्होंने इसे लेकर राज्य सरकार को सीधे चेतावनी दी है उन्होंने कहा कि इसका असर राज्य में चल रही आयुष्मान योजना पर भी पड़ेगा. आयुष्मान योजना को लेकर चल रही तनातनी के बीच कुछ अस्पताल योजना के तहत इलाज करना शुरु कर दिया था लेकिन अब वे भी इलाज करना बंद करने का फैसला लिये हैं. उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार के अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है.