रायपुर। मतदान तक राजनीति का ऊंट ना जाने किस-किस करवट बैठेगा. कुर्सी की लड़ाई में कहीं याराना दांव पर लगते नजर आ रहा है तो कहीं पति और पत्नी एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंकने की तैयारी कर रहे हैं. कहीं अपनों की नाराजगी में ऐसी खता हुई कि आयोग की नजरें तिरछी हो गई. देखिए आज दिनभर की प्रमुख राजनीतिक हलचलें-

पति और पत्नी होंगे आमने-सामने

विधानसभा चुनाव में चंद्रपुर की सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. जूदेव परिवार से पति और पत्नी अब एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि युद्धवीर सिंह जूदेव की पत्नी संयोगिता सिंह को भाजपा ने चंद्रपुर से अपना प्रत्याशी घोषित किया है. पत्नी के नामांकन खरीदने के बाद अब क्षेत्र से वर्तमान विधायक युद्धवीर सिंह ने भी अाज नामांकन फार्म खरीदा है. हालांकि अभी नामांकन जमा करने में समय है. नामांकन जमा करने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि चंद्रपुर में भाजपा प्रत्याशी का मुकाबला अपने पति युद्धवीर सिंह से होगा या फिर कांग्रेस उम्मीदवार से.

महंत उवाच इनके पास है लूट का माल

बीजेपी द्वारा हाईटेक प्रचार करने के मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चरण दास मंहत ने कहा कि बीजेपी ने 15 साल तक किसानों और युवाओँ के पैसे लूटे हैं. बीजेपी के पास लूट की कमाई का पैसा है. महंत ने कहा कि ये पैसा उनके घर का नहीं है बल्कि 15 साल में लूटा हुआ पैसा है इसलिए बीजेपी चुनाव प्रचार हाईटेक तरीके से हो रहा है. महंत ने कहा कि प्रदेश की जनता गरीब है. वो इंसाफ करेगी. महंत ने कहा कि जनता जान चुकी है कि किसके पास हराम का पैसा है और किसके पास ईमान का. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत ने कहा कि जनता को मालूम है कि किसके पास ईमान का पैसा है और किसके पास हराम का. गौरतलब है कि इस बार बीजेपी हाईटेक तरीके से प्रचार कर रही है. बीजेपी ने 30 एलईडी रथ बस्तर के लिए रवाना किया है. जिसमें सरकार के विकास को वीडियो दिखाया जाएगा. इसके साथ सांस्कृतिक दल नाटकों के ज़रिए प्रचार करेगा.

मनाने में ये कैसी खता कर दी

विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी का जैसे ही चेहरा साफ़ हुआ, दावेदारों में विरोध का लहर दौड़ गया. भाजपा टिकट के दावेदारों में हड़कंप सी मच गई. साफतौर पर स्थानीय भाजपाइयों में अंतर कलह देखने मिल रहा है. विरोध के मद्देनज़र वर्तमान में लागू आदर्श आचार सहिंता का उल्लंघन कर बैठे भाजपा प्रत्याशी लिनव राठिया. सैकड़ों के तादाद में भाजपाई आदर्श आचार सहिंता को दर किनार कर समूह में बैठक कर डाले. कांग्रेसी नेता उस्मान बेग द्वारा भाजपा की धार्मिक स्थल में कार्यकर्ता बैठक को आचार संहिता का खुला उलंघन मानते हुए शिकायत किया है और खुल कर इसका विरोध किया है कार्रवाई न होने से धरने पर बैठने की बात भी कही है. इस मामले को लेकर एसडीएम नन्द कुमार चौबे से बात की गई तब उन्होंने कहा कि शिकायत मिली है और इसकी जांच कराई जा रही है आचार संहिता के उल्लंघन का परीक्षण कराया जा रहा है, यदि आचार संहिता का उल्लंघन पाया जाता है तो करवाई की जाएगी.

प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी नेता गिरफ्तार

राजधानी में स्थित छत्तीसगढ़ के सीबीआई मुख्यालय के बाहर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया. कांग्रेस के तमाम आला नेता सीबीआई के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे. सत्यनारायण शर्मा, चरणदास महंत के नेतृत्व में कांग्रेसी सीबीआई के दफ्तर पहुंचे. कांग्रेसियों द्वारा सीबीआई दफ्तर के सामने जमकर प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया.

हाय रे राजनीति साथी बने अजनबी

 कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच टकराहट की ख़बर सुर्खियों में हैं. इस टकराहट का मुजाहिरा उस वक्त हुआ जब दोनों नेता दिल्ली रवाना हुए. भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव एक ही फ्लाइट में दिल्ली गए. लेकिन दोनोें एक साथ मीडिया में नज़र नहीं आए. दोनों के बीच अंदर कोई बात हुई या नहीं. मीडिया को ये भी नहीं मालूम. भूपेश बघेल अपने निवास भिलाई से सीधे एयरपोर्ट पहुंचे. टीएस सिंहदेव बिलासपुर से अपने हेलीकॉप्टर से रायपुर पहुंचे. लेकिन मीडिया से मुखातिब दोनों अलग-अलग हुए. ये वही दोनों नेता हैं जो कुछ समय पहले तक हर कार्यक्रम में साथ रहते थे. एक गाड़ी ड्राइव करता था और दूसरा उसके बगल में बैठता था. लेकिन सीडीकांड ने दोनों नेताओं के रिश्ते इतने तल्ख बना दिए हैं कि दोनों एक-दूसरे के साथ आने में परहेज करते हैं. बताया जाता है कि सीईसी की बैठक में दोनों नेताओं की टकराहट साफ नज़र आई. इस टकराहट ने टिकटें फाइनल करने की कवायद को धीमा कर दिया. मीडिया द्वारा सवाल पूछने पर दोनों नेता ये ज़रुर कहते हैं कि दोनों साथ हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि रायपुर में होते हुए टीएस सिंहदेव भूपेश बघेल के नेतृत्व में होने वाले कार्यक्रम में साथ दिखने से बचने लगे. तो भूपेश बघेल ने टीएस सिंहदेव के जनघोषणा पत्र के कार्यक्रम से दूरी बना ली है. अब ये तो बैठक के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि दिल्ली में भी ये दूरिया बनी रहती है तो खटाई में पड़े दिखते इन रिश्तों में कुछ मिठास आती है.