नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार प्रेस कान्फ्रेंस कर वाले चार जजों में से एक जस्टिस कुरियन जोसफ ने रिटायरमेंट के बाद बड़ा खुलासा किया है. जस्टिस कुरियन ने कहा है कि मैंने और तीन जजों ने इसलिए प्रेस कान्फ्रेंस की थी कि हमें लगा था कि तत्कालीन चीफ जस्टिस को कोई बाहर से कंट्रोल कर रहा था. इसके साथ ही जजों को केस का बंटवारा राजनीतिक पूर्वाग्रह के आधार पर किया जा रहा था.
जस्टिस जोसेफ ने कहा कि हमें महसूस हुआ कि बाहर से कोई व्यक्ति चीफ जस्टिस को नियंत्रित कर रहा था. इसलिए हम उनसे मिले और उनसे सुप्रीम कोर्ट की आजादी और गौरव बनाए रखने के लिए कहा. जस्टिस जोसेफ ने बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का आइडिया जस्टिस चेलमेश्वर का था और हम तीनों इससे सहमत थे.
आपको बता दें कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों जस्टिस (रि.) जे चेलमेश्वर और जस्टिस रंजन गोगोई (वर्तमान चीफ जस्टिस), जस्टिस कुरियन जोसेफ (रि.) और जस्टिस मदन बी लोकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस के काम काज पर सवाल उठाए थे.
इस कान्फ्रेंस ने देश की राजनीति में काफी उथल पुथल मचा दी थी. विपक्ष ने जस्टिट दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया था. हालांकि राज्यसभा में सभापति और उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया था.