रायपुर- माओवादी हमले में दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की मौत के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने कई सवाल उठाएं हैं. उन्होंने इस घटना को सरकार की असफलता करार देते हुए कहा है कि जो सरकार विधायक को सुरक्षा न सके, उसके मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. रमन ने माओवादी हमले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए सवाल उठाया कि कांग्रेस समेत तमाम दूसरी पार्टियां बस्तर में लोकसभा चुनाव के अभियान में जुटी है, लेकिन आखिर क्या वजह है कि बस्तर से इकलौते बीजेपी विधायक भीमा मंडावी पर हमला किया गया? रमन ने इस घटना में राजनीतिक साजिश की संभावना जाहिर करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की.
पत्रकारों से बातचीत में डॉ रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस की गोली और बोली का असर दिखने लगा है. उनकी क्या बोली होती है और वे लोग कैसा षड्यंत्र करते हैं ये अब दिखने लगा है. उनके मध्यस्थ कैसे जंगल में घुसकर कैसे बात करते हैं? उनके मध्यस्थ कौन है? उनके मध्यस्थतों के चेहरों को भी बेनकाब करने की जरूरत है. कौन डायलॉग करवाता है. आखिर ये कैसे इतने क्लोज हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि दो दिन पहले मैं बस्तर की सड़कों पर घूम रहा था. वहां के लोगों ने बताया कि बस्तर में नक्सली कहते हैं हमारी सरकार है, अब हमें चिंता की जरूरत नहीं है. उस बात को मैं समझ नही पा रहा था, लेकिन आज यह समझ आ रहा है कि आखिर क्यों नक्सली कहते हैं कि हमारी सरकार है. लगातार चार-पांच बड़ी घटना घटी है और सौ दिन में माओवादियों ने जिस तरह पूरे बस्तर को जकड़ लिया है,सरकार की इससे बड़ी असफ़लता कुछ नहीं हो सकती. बस्तर एक बार फिर असुरक्षित हो गया है.
रमन सिंह ने कहा कि हमने भी तीन विधानसभा और तीन लोकसभा का चुनाव सफलतापूर्वक कराया है. कांग्रेस की और कांग्रेस के ला एन्ड आर्डर की स्थिति बेहद बुरी हो चुकी है. पूरा प्रदेश जल रहा है. बस्तर में जो पीड़ा है ऐसे मुख्यमंत्री को अपने पद में रहने का अधिकार नहीं है, जो अपने विधायकों को सुरक्षा न दे सके, जनता को सुरक्षा न दे सके.
क्या बस्तर में चुनाव स्थगित करना चाहिये इस सवाल पर डॉ रमन सिंह ने कहा कि चुनाव को रोका जाए ये मैं नहीं कहता. हम हौसला दिखाएंगे. हम चुनाव लड़ेंगे और चुनाव का सामना भी करेंगे. हमारा एक-एक कार्यकर्ता मैदान में उतरकर जवाब देगा. नक्सलवाद से हम डरते नहीं है. ये कायरता उनकी है. हमारा एक बेहद अच्छा विधायक जरूर शहीद हुआ लेकिन प्रजातंत्र कभी हार नहीं सकता. उन्होंने कहा कि बस्तर में क्या सड़कों पर जनप्रतिनिधियों का निकलना मुश्किल हो जाएगा? रमन ने कहा कि बस्तर में नेशनल हाइवे में चलता रहा, स्टेट हाइवे में चलता, लेकिन बस्तर में फिर असुरक्षा का माहौल है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को मैंने रिपोर्ट दे दी है. मैं बस्तर जाऊंगा. परिवार के लोगों से मिलूंगा.
डॉ रमन सिंह ने राज्य सरकार के रवैये पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि कल थाने में एक कार्यकर्ता को प्रताड़ित कर इतना मारा गया कि उसकी मौत हो गई.