रायपुर। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाहियों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहने वाला प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल मेकाहारा इन दिनों एक अलग वजह से चर्चा में है. यह अस्पताल इन दिनों मयखाना में तब्दील होता जा रहा है. यहां बेखौफ होकर मदिरा प्रेमियों द्वारा शराब का सेवन किया जाता है और खाली बोतलों को अस्पताल की सीढ़ियों में और उसके नीचे फेंक दिया जाता है. सोशल मीडिया में इसकी कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है. यहां बैठकर शराब सेवन करने वाले अस्पताल के ही कर्मी हैं या फिर कोई बाहरी व्यक्ति है, इसकी पुख्ता जानकारी तो सामने नहीं आई है. हालांकि अस्पताल के कर्मियों के खिलाफ पहले नशे में रहने की शिकायतें आती रही है. जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने उनके खिलाफ कार्रवाई भी की थी.
अस्पताल की पीआरओ शुभ्रा ठाकुर ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में मामले से अनभिज्ञता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की जानकारी मेरे पास नहीं आई है, अस्पताल सुबह से सिक्योरिटी चेक होती है. मरीज के परिजनों की भी चेकिंग की जाती है. पीआरओ के मुताबिक अस्पताल की सिक्योरिटी टाइट रहती है लेकिन इमरजेंसी मरीजों के आगमन के दौरान इसे शिथिल कर दिया जाता है. ऐसे में शराब लेकर कौन अस्पताल आ रहा है इसका पता लगाया जाएगा. पहले अस्पताल के कुछ कर्मियों के खिलाफ इस तरह की शिकायतें मिली थी उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी है. सिक्योरिटी सुपरवाईजर को इस संबंध में निर्देश दिया जाएगा. ताकि इस तरह के मामले दुबारा न आए.
ऐसे में सवाल यही उठता है कि जब अस्पताल की सिक्योरिटी टाइट रहती है और मरीज के परिजनों की भी चेकिंग की जाती है जाहिर है वे कर्मचारी शक के दायरे में हैं जो सिक्योरिटी चेक से दूर रहते हैं.