सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। प्रदेश के किसान संगठन ने राजधानी के बूढ़ापारा धरना स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात के दौरान प्रदर्शन किया. कृषि बिल के खिलाफ किसानों ने थाली बजाकर विरोध जताया. किसानों का आरोप है कि प्रधानमंत्री 7 वर्षों से अपने मन की बात कह रहे हैं, लेकिन किसानों की बात नहीं सुन रहे हैं.
किसान केवल एक मांग लेकर आए हैं कि कानून वापस ले. यह तीनों कानून को किसानों के ऊपर थोपा जा रहा है. यह किसानों के हित में नहीं है, बिल कारपोरेट हित में है, जिसे वापस लेने की मांग की जा रही है. किसानों ने आग्रह करते हुए कहा कि पीएम मन की बात को बंद करें और किसानों की बात को सुनें.
किसान संगठनों के प्रदर्शन में शामिल हुए संकेत ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात बीते 7 वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन वे किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है. पूरे देश के लाखों किसान दिल्ली की सड़कों पर खड़े हैं. दिल्ली को जाम कर के रखे हैं, जिस कानून की मांग किसानों ने की ही नहीं थी, वह तीन कानून किसानों पर थोपे गए.
हम चाहते हैं कि यह तीनों कानून वापस लिया जाए, क्योंकि यह कानून किसानों के हित में नहीं है, कॉरपोरेट्स की आजादी के कानून बनाए गए है, जिससे किसान लूट जाएगा, हम पीएम मोदी से आग्रह करते हैं कि अपने मन की बात बंद करें और किसानों की बात को ध्यान से सुनें.