
रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा ने कोरोना संकट के समय प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही लापरवाही और हल्की राजनीति पर कांग्रेस सरकार से दस सवाल पूछे हैं. इसके लिए एक हैशटेग पूछता है छत्तीसगढ़ जारी किया है. इसमें प्रदेश में हो रही संदिग्ध मौत, कोरंटाइन सेंटर में मौत और पंचायतों को राशि जारी नहीं करने पर सवाल किया गया है.
1. प्रदेश में हो रही कोरोना संदिग्ध मौतों पर सरकार मौन क्यों?
– कोरोना के संपूर्ण लक्षण पाए जाने के बाद बिलासपुर मस्तूरी के मोहनलाल की बिलासपुर सिम्स में 22 मई को मौत। वे पुणे से लौटे थे.
– 18 मई को सिम्स बिलासपुर में भर्ती हुई पाली से आई महिला अंटीला बाई की 21 मई को मौत.
– दुर्ग झीट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल लैब में सैंपल कलेक्शन करने वाले दयाराम साहू की मौत.
2.क्वारेंटाइन सेंटर्स क्यों मौत के केंद्र बनते जा रहे?
– मुंगेली सिटी कोतवाली अंतर्गत छीतापुर क्वारेंटाइन सेंटर में मौत.
– जिला रायगढ के सारंगढ अमलिपाली में अर्जुन निषाद ने फ़ासी लगायी.
– मुंगेली के ग्राम किरना क्वारेंटाइन सेंटर में योगेश वर्मा 31 वर्ष की साँप काटने से मौत.
– बालोद जिले के ग्राम परसवानी थाना अर्जुनदा क्वारेंटाइन सेंटर में 29 वर्षीय सूरज यादव ने आत्महत्या की.
– लोरमी फुलझर निवासी 32 वर्षीय लखाराम साहू ने क्वारेंटाइन सेंटर के भय से आत्महत्या की.
– सीताकासा क्वारेंटाइन सेंटर राजनंदगांव 28 वर्षीय बुधारु राम की स़ाप काटने से मौत.
– सेमरिया क्वारेंटाइन सेंटर बेमेतरा में 35 वर्षीय राजू ध्रुव की मौत.
– मुलमुला जांजगीर क्वारेंटाइन सेंटर में मजदूर बीरबल माहेश्वरी की मौत.
– ग्राम पंचायत कोकपुर क्वारेंटाइन सेंटर में 26 वर्षीया खेमू और 28 वर्षीय तिलकराम साहू की मौत.
3. क्वारेंटाइन सेंटर्स से लोग भाग क्यों रहे?
– बम्हनीडीह चाम्पा कन्या छात्रावास से लोग भागे
– मुंगेली जिला से 22 मजदूर भागे
– बहतराई बिलासपुर सेंटर से लोग भागे
– जशपुर नगर जिले से लोग भागे
– केरा रोड जांजगीर से लोग भागे
– दंतेवाडा से 23 श्रमिक भागे
4.क्वारेंटाइन सेंटर्स को संचालित कर रही पंचायतों को पैसों का आबंटन क्यों नही?
– पैसे के अभाव में पंचायतें परेशान, राज्य सरकार नही कर रही मदद
– राज्य सरकार बताये पंचायतो को सेंटर चलाने अब तक कितने पैसे दिए
– पंचायते केंद्र सरकार द्वारा जारी वित्त आयोग के पैसे का कर रही है इस्तेमाल
5.रैपिड टेस्ट के माध्यम से मजदूरों की तुंरत जाँच क्यों नहीं?
– पहले मजदूरों को सीधा सेंटर भेजा जाता है. सभी साथ में रहतेहैं। फिर वही कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज़ निकलता है जो संक्रमण फैला चुका होता है.
– मजदूरों के टेस्ट किट का प्रबंध नही कर पाये.
6. क्वारेंटाइन व्यक्ति पास बनवाकर पश्चिम बंगाल जाकर आया कोई रोक क्यों नहीं सका?
धनेली गाव का विनय शर्मा आगरा से स्पेशल ट्रेन से 13 मई को लौटा क्वारेंटाइन किया गया फिर 20 मई को बाकायदा पास बनवाकर पश्चिम बंगाल भाग निकला। ऐसे गंभीर मामलो पर व्यवस्थायें ध्वस्त कैसे हुई?
7.प्रदेश के सब्जी बाजारों , शराब दुकानों पर आप सामाजिक दुरी के नियम का पालन क्यों नहीं करवा पा रहे ?
– ना आप अपने नेताओं से, न जनता से पालन करवा पा रहे
– कांग्रेस के अनेक कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ी
8. कोरोना जांच के लिए लिए सैंपल कूड़ेदान में क्यों फेके जा रहे हैं?
– बिलापसुर में 5 दिनों में 37 मरीज़ मिले, जबकि वही के 1584 सैंपल ख़राब बोलकर फेक दिए गए.
9. रद्दी के पपेर में मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार क्यों?
– राजनंदगांव के लोहरा से चार किलोमीटर दूर बिरनपुर गांव में रद्दी अखबार में खाना परोसा गया जिससे सब्जी और दाल बह निकली
– आईटीआई कोनी के क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गए 49 मजदूरों ने की भूख हड़ताल.
10. क्वारेंटाइन सेंटर्स मजदूरों को ठूसा क्यों जा रहा?
– क्वारेंटाइन सेंटर से लगातार संक्रमित मरीज़ आने के बाद भी एक-एक कमरे में 20 20 मजदूरों को रखा जा रहा है जबकि दावा हजारों सेंटर होने का है.