रायपुर- पर्यावरण सरंक्षण मंडल के अंतर्गत राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग की बैठक का आज राजधानी रायपुर के सिविल लाईन स्थित नवीन विश्राम भवन में आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव संजय शुक्ला की अध्यक्षता में ली गई. सचिव .शुक्ला ने राज्य में स्थित वृहद ताप विद्युत संयंत्रों के फ्लाई एश उत्पादन और उसके उपयोग की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने निजी संयंत्रों के साथ-साथ सरकारी संयंत्र और निर्माण एजेंसियों को भी फ्लाई एश के उपयोग के संबंध में मंडल द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
सचिव शुक्ला ने यह भी निर्देशित किया कि इसका उल्लंघन होने पर संबंधित संयंत्रों के विरूद्ध पर्यावरण अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने उद्योगों द्वारा फ्लाई एश का विभिन्न प्रयोजनों में उपयोग के संबंध में तैयार कार्ययोजना के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और उच्चतम न्यायालय द्वारा फ्लाई एश के उपयोग की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. इसमें पर्यावरण संरक्षण मंडल को भी संबंधित संयंत्रों और निर्माण एजेंसिंयों पर फ्लाई एश के उपयोग के संबंध में सतत् मॉनिटरिंग करने के लिए निर्देशित किया. इसका उल्लंघन करते पाए जाने पर संबंधित संयंत्रों के विरूद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
संजय शुक्ला ने सभी फ्लाई एश उत्पन्न करने वाले उद्योगों को निर्देशित किया कि वे माटी कला बोर्ड को फ्लाई एश के साथ सभी आवश्यक संसाधन जैसे-भूमि, कम दर पर बिजली, पानी आदि उपलब्ध करायें जिससे कि माटी कला बोर्ड आगामी तीन माह में गरीब कुम्हारों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए लाभ पहुंचा सके. शुक्ला ने इस अवसर पर फ्लाई एश के उपयोग के संबंध में सुराकछार खदान, मानिकपुर खदान में फ्लाई एश अपवहन की प्रगति की समीक्षा की. बैठक में फ्लाई एश से सेण्ड बनाने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट प्लांट की प्रगति एवं रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में फ्लाई एश उपयोग के लिए की जा रही कार्यवाही की भी समीक्षा की. इसके पूर्व पर्यावरण मण्डल द्वारा पिछले जनवरी माह में आयोजित बैठक में दिये गये निर्देशों के पालन एवं अद्यतन स्थिति के संबंध में एक प्रस्तुतीकरण भी दिया गया।.बैठक में अतिरिक्त सचिव, छत्तीसगढ पर्यावरण संरक्षण मण्डल .अरूण प्रसाद एवं पर्यावरण मण्डल के वरिष्ठ अधिकारी और सी.एस.ई.बी., एस.ई.सी.एल., सुराकछार, एस.ई.सी.एल., मानिकपुर, एन.टी.पी.सी. सीपत, एन.टी.पी.सी. कोरबा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि, लोक निर्माण विभाग, कृषि विभाग, माईनिंग जिंदल पॉवर लिमिटेड सहित सभी प्रमुख ताप विद्युत संयंत्रों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.