रायपुर- बच्चा खरीदी मामले में कांग्रेस के तमाम आरोपों पर डाॅ. पूर्णेन्दू सक्सेना ने कहा है कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद और भ्रामक हैं. उन्होंने तमाम आरोपों को नकारते हुए कहा है कि बच्चा खरीदी मामले में पुलिस की गिरफ्त में आई महिला डाॅक्टर शानू मसीह के साथ उनका नाम घसीटकर उन्हें बदनाम करने की साजिश की जा रही है. उनके नाम का दुष्प्रचार किया जा रहा है. 

डाॅ. पूर्णेन्दू सक्सेना ने लल्लूराम डाॅट काम से हुई बातचीत में कहा कि- मीडिया में आ रही खबरें डाॅ. शानू मसीह जैसे अपराधियों पर कार्रवाई के लिए है. डाॅ. सक्सेना ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में आरएसएस का कहीं दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें इस मामले की जानकारी मिली की शानू मसीह ने उनके रजिस्ट्रेशन नंबर 1030 का अवैध ढंग से इस्तेमाल किया है. इस मामले की लिखित शिकायत उन्होंने एसएसपी से करते हुए दोषी लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है. 

शानू मसीह के कारनामो का भंडाफोड़ हमारा मकसद, न कि डॉ सक्सेना को बदनाम करना

सोशल मीडिया में वायरल हो रहा एक पत्र जो एमसीआई के रजिस्ट्रार डॉ श्रीकांत राजिमवाले द्वारा डॉ सक्सेना के नाम लिखा गया है,इस पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि डॉ सक्सेना को जारी किया गया रजिस्ट्रेशन नंबर cgmc/1030/2007 है.इसके तहत एमसीआई ने स्पष्ट किया है कि जब तक कोई रजिस्ट्रेशन नंबर अपने पूरे फारमेट के रुप में नहीं लिखा जाता,उसे किसी डॉक्टर का एमसीआई रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं माना जा सकता. इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि यदि पुलिस की विवेचना में यह बात प्रमाणित होती है कि शानू मसीह ने यदि डॉ पूर्णेन्दू सक्सेना के रजिस्ट्रेशन नंबर का अनुचित उपयोग किया है,तो यह उसके द्वारा किये हुए धोखाधड़ी का आपराधिक कृत्य होगा.

दरअसल बच्चा चोरी प्रकरण में शानू मसीह के पंजीयन नंबर के पड़ताल वाली हमारी खबर का मकसद केवल यह था कि कहीं ये शातिर महिला फर्जी पंजीयन नंबर का उपयोग कर किसी के साथ धोखाधड़ी तो नहीं कर रही थी.हमने उसके द्वारा उल्लिखित पंजीयन नंबर को जब एमसीआई के वेबसाइट में सर्च किया,तो वेबसाइट ने इस पंजीयन नंबर को डॉ पूर्णेन्दू सक्सेना का होना बताया था. इसी आधार पर हमने अपनी खबर में यह बताया कि यह शातिर महिला डॉ पूर्णेन्दू सक्सेना के रजिस्ट्रेशन नंबर का गलत तरीके से उपयोग कर रही है. हमारा मकसद ना तो आरएसएस को बदनाम करना था और ना ही शहर के प्रतिष्ठित डॉ पूर्णेन्दू सक्सेना को.