रायपुर- ईओडब्ल्यू में पदस्थापना के दौरान चार सालों तक गायब रही रेखा नायर की संपत्ति का ब्यौरा चौंकाता है. फोन टेपिंग मामले में ईओडब्ल्यू की जांच के घेरे में आई रेखा नायर करोड़ों रूपए की आसामी बताई जा रही है. अब तक की जांच में ईओडब्ल्यू को रेखा नायर की करीब 3 करोड़ रूपए की संपत्ति की जानकारी मिली है.

निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता की करीबी माने जाने वाली रेखा नायर की संपत्ति की जांच में वीआईपी ग्रुप के मालिक राकेश पांडेय की भी भूमिका उजागर हो रही है. सूत्र बताते हैं कि रेखा नायर के बैंक खातों की जांच में लाखों रूपए के ऐसे लेनदेन का ब्यौरा मिला है, जिसमें राकेश पांडेय ने नायर और उनके परिजनों के खातों में डाला था, लिहाजा ईओडब्ल्यू मनीलांड्रिंग के एंगल से भी जांच करने जा रही है. पता चला है कि ईओडब्ल्यू से इस मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जानकारी मांग ली है.  ईओडब्ल्यू की जांच में रेखा नायर की रायपुर के नरदहा में करीब 35 लाख की जमीन, मारूति सालिटेयर में करीब 65 लाख का बंगला, दो अन्य स्थानों पर जमीन का पता चला है. जानकारी यह भी है कि केरल के कोल्लम में नायर के नाम पर एक विला है.

ईओडब्ल्यू से जुड़े सूत्र बताते हैं कि रेखा नायर का फैमिली रिकार्ड भी देखा गया. इसमें यह पता चला कि उनके पिता बीएसपी में क्लास 4  कर्मचारी थे, लेकिन जांच में बताया गया कि वह ठेकेदारी करते हैं. इसकी भी जांच की जा रही है कि ठेकेदारी के दौरान उन्होंने कहां-कहां काम किया है. नायर की मां हाउसवाइफ है. लेकिन रेखा नायर की संपत्ति की डिटेल जिस तरह से सामने आ रही है, वह कहती है कि उनकी संपत्ति में तीन सौ गुना इजाफा हुआ है.

सूत्र बताते हैं कि रेखा नायर को फोन टेपिंग की ट्रेनिंग के लिए इजराइल भेजा गया था. चूंकि नायर सरकारी कर्मचारी हैं, लिहाजा विदेश दौरे से पहले उन्हें अनुमति लेनी थी, जो उन्होंने नहीं ली. रेखा नायर को नोटिस भेजा गया था, लेकिन उन्होंने इसे रिसीव नहीं किया है. यदि वह नोटिस लेने से इंकार करती हैं, तो यह माना जाएगा कि वह फरार है. ईओडब्ल्यू में जांच कर रहे अधिकारी यह कहते सुने गए हैं कि फोन टेपिंग के मामले में जो आरोप मुकेश गुप्ता और रेखा नायर पर लगे हैं, ऐसी स्थिति में उन पर देशद्रोह का मामला भी दर्ज किया जा सकता है. हालांकि इधर इस मामले में ईओडब्ल्यू के एसपी कल्याण एलेसेला ने कहा है कि-

पूरे मामलों की जांच जारी है. जांच के बाद ही कार्रवाई की दिशा तय होगी.