रायपुर- बीजेपी सत्ता में थी, तो रणबाकुंरे बन बेहतर राजनीतिक भविष्य की चाहत लिए पार्टी प्रवेश करने वाले रिटायर्ड डीजी राजीव श्रीवास्तव, रिटायर्ड आईएएस आर सी सिन्हा समेत एक दर्जन से ज्यादा रिटायर्ड अधिकारियों ने संगठन को अलविदा कह दिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी को भेजे गए इस्तीफा पत्र में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़े जाने का जिक्र हैं, लेकिन वजह स्पष्ट नहीं की गई है. बता दें कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में जोर-शोर से रिटायर्ड अधिकारियों का पार्टी प्रवेश कराया गया था. खूब हल्ला किया गया कि पार्टी की रीति-नीति से प्रभावित होकर सेवामुक्त हो चुके अधिकारी बीजेपी में आ रहे हैं, हालांकि अब जब सरकार बदल गई तो बदली फिजा में पार्टी छोड़ना ही रिटायर्ड अधिकारियों ने बेहतर समझा है.

पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले रिटायर्ड डीजी राजीव श्रीवास्तव, रिटायर्ड आईएएस आर सी सिन्हा, एन के एस ठाकुर, विमल चंद गुप्ता, एनटीपीसी के पूर्व महाप्रबंधक एच के धागमवार, पूर्व वन अधिकारी आर के तिवारी, बंशीलाल कुर्रे, आर के शर्मा, भोजेंद्र उके, प्रदीप मिश्रा, शमशीर खान, अजीत चौबे, डा.हेमू यदू, घनश्याम शर्मा, डा.नीता शर्मा और सुभाष वर्मा के नाम शामिल हैं.

फिलहाल मैं कारण नहीं बता सकता- राजीव श्रीवास्तव

बीजेपी से इस्तीफा देने वाले रिटायर्ड डीजी राजीव श्रीवास्तव ने लल्लूराम डाट काम से बातचीत में कहा कि-

कुल 16 लोगों ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. फिलहाल मैं कोई कारण नहीं बता सकता, लेकिन यह मानिए की कोई तकनीकी दिक्कत रही है. अब हम बीजेपी के साथ नहीं है. जो लेटर मीडिया में जारी हुआ है, वह सही है. आगे राजनीति में बने रहेंगे या नहीं अभी कुछ नहीं कह सकते.

अध्यक्ष बनते ही विक्रम उसेंडी को झटका

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हाल ही में बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश नेतृत्व बदलते हुए धरमलाल कौशिक की जगह विक्रम उसेंडी को कमान सौंपी थी. उसेंडी को लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के साथ ही कमजोर होते कैडर को मजबूत करने की जवाबदारी दी गई थी, लेकिन नेतृत्व संभालते ही उन्हें यह पहला बड़ा झटका लगा है. जिस जोरशोर के साथ रिटायर्ड अधिकारियों का बीजेपी प्रवेश कराया गया, अब उन चेहरों ने ही पार्टी से अपने को किनारा कर लिया है. राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस तरह से पार्टी छोड़ने की खबरें बीजेपी की सेहत के लिए ठीक नहीं है.