रायपुर। बस्तर के भीतर सलवा जुडूम आंदोलन के बाद उससे निकले युवाओं ने नक्सलियों के खिलाफ बंदूक थामकर सरकार लिए काम करना शुरू किया था. सरकार ने ऐसे आदिवासी युवाओं को पुलिस विभाग में बतौर विशेष पुलिस अधिकारी एसपीओ पद नियुक्त किया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह नियुक्ति रद्द कर दी गई थी. बाद में फिर कुछ युवाओं को सरकार ने सहायक आरक्षक बनाया. सरकार की ओर आश्वसान दिया गया कि धीरे-धीरे सभी जुडूम आंदोलन से जुड़े रहे युवाओं को नौकरी दी जाएगी. लेकिन 2008 के बाद से ज्यादातर आदिवासी युवा जो एसपीओ थे सब अब बेरोजगार हो गए हैं. आज ऐसे पीड़ित आदिवासी बस्तर बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के साथ रायपुर पहुंचे. रायपुर में पत्रकारों से चर्चा में पीड़ितों ने कहा कि आज उनके सामने बेरोजगारी की संकट के साथ नक्सलियों से जान का खतरा है. क्योंकि वे गांव लौट के जा नहीं सकते क्योंकि गांव लौटने पर नक्सली प्रताड़ित करते हैं, उन्हें मारने की धमकी देते हैं.
बीजापुर की रहने वाली दिव्यांग सिरीमनी कहती है कि 2005 वो एसपीओ बनी. सरकार की ओर से बंदूक थामकर नक्सलियों खिलाफ लड़ी. लेकिन काम के दौरान दोनों पैर टूट गए और वे अपाहिज हो गईं. उन्हें दुर्घटना मुआवजा और 2 साल का वेतन अब तक नहीं मिला है.
बीजापुर की रहने वाली गीता और जीवन लाल की आप बिती भी कुछ इसी तरह की है. गीता कहती है सरकार ने उन्हें विशेष पुलिस अधिकारी बनाकर नक्सलियों के खिलाफ लड़ने को तैयार किया. कुछ साल नौकरी करती रही. फिर नौकरी चली गई और कोई रोजगार है नहीं. वे अपने गांव अब लौट सकती नहीं, क्योंकि वहां नक्सलियों की प्रताड़ना का शिकार वो जाएंगी. नक्सली जान से मारने की धमकी देत हैं.
वहीं जीवन लाल कहता है कि आज बस्तर के भीतर एसपीओ बनकर नौकरी करने वाले उनके जैसे युवाओं की स्थिति बेहद खराब है. वे आज दो पाटों के बीच पीसने को मजबूर है. सरकार की ओर से मदद मिल नहीं रही है. और नक्सली उनके जान के दुश्मन बने हुए हैं. वे बस्तर के प्रशासन के समक्ष गुहार लग चुके हैं, सरकार के प्रतनिधियों से मिलकर मदद मांग चुके हैं, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिल रह.
बस्तर बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य डॉ. संकेत ठाकुर ने सरकार पर आरोप लगाया है कि आज बस्तर के भीतर 10 हजार आदिवासी विशेष पुलिस अधिकारी बनने के बाद बेरोजगार हो गए हैं. इसके साथ ही आदिवासियों पर प्रताड़ना कम नहीं हो रहा है. यौन प्रताड़ना छात्राओं के साथ लगातार हो रही है.