रायपुर. सीएजी ने छत्तीसगढ़ सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है. सीएजी ने कहा है कि सरकार का फाइनेंसियल मैनेजमेंट ठीक नहीं है. छत्तीसगढ़ के प्रधान महालेखाकार विजय कुमार मोहंती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सरकार को अपने वित्तीय प्रबंधन को कंट्रोल करने को कहा है. सरकार के वित्तीय हालात को विधानसभा के पटल पर रखने के बाद मोहंती मीडिया को संबोधित कर रहे थे.
अपनी रिपोर्ट में कैग ने सरकार के वित्तीय मैनेजमेंट को लेकर कई सवाल उठाए हैं. कैग ने रिपोर्ट में बताया है कि साल 2016-17 के दौरान सरकार करीब 20,000 करोड़ रुपए इस्तेमाल नहीं कर पाई. जो बजट का करीब 25 फ़ीसदी था. सरकार ने उस साल 80000 करोड़ का बजट रखा था. जबकि खर्च केवल 60000 करोड ही कर पाई. मोहंती ने कहा कि ऐसे में बार-बार अनुपूरक बजट क्यों. कैग ने कहा है कि सरकार ने करीब 1465 करोड़ ज्यादा राजस्व सरप्लस दिखाया जबकि वास्तविक राज्य का वास्तविक रेवेन्यू सरप्लस 3864 करोड़ है. कैग ने कहा कि ये गलत गणना कैसे हो गई. ये बड़ा सवाल है.
कैग ने कई अनियमितताओं को भी अपनी रिपोर्ट में उजागर किया है. कैग ने बताया कि सरकार ने बिजली कंपनी CSPDCL का 2 हज़ार करोड़ के लोन की न सिर्फ गारंटी ली गई. बल्कि उसे पटाने का भी जिम्मा लिया. लेकिन इसे कहां से पटाया जाएगा. इसका कोई उल्लेख नहीं है. न ही इसके लिए विधानसभा से अनुमति ली गई है. कैग ने इसे वित्तीय अपराध माना है.
मोहंती ने बताया कि मेक्रो स्तर पर सरकार का वित्तीय प्रबंधन ठीक है. लेकिन माइक्रो स्तर पर इसे दुरुस्त करने की ज़रुरत है. मोहंती ने सरकार के वित्तीय घाटे को केवल 1.85 पर रखने को लेकर सरकार की पीठ थपथपाई. मोहंती ने बताया  कि साल 2016-17 में वैट की वसूली सरकार के अनुमान से 2 हज़ार करोड़ रुपये कम थी. मोहंती ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस दौरान 1112 करोड़ रुपये राज्य सरकार को बाईपास करके सीधे एजेंसियों को दे दिया.
मोहंती ने बताया कि सरकार ने राज्य की 8 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में करीब 7700 करोड़ रुपये निवेश कर रखा है लेकिन इसे वापिस लेने या लाभांश लेने को लेकर सरकार ने कोई पॉलिसी नहीं बनाई है. जबकि इतने ही पैसे सरकार ने रिजर्व बैंक और दूसरी जगहों से लोन लिया जिसका वो सालाना करीब 6 फीसदी ब्याज दे रही है. कैग ने सुझाया है कि अगर इसे लेकर स्पष्ट नीति होती तो सरकार को इसका फायदा मिलता. कैग ने ये भी बताया कि सरकार के पास करीब 4144 करोड़ रुपये का रिज़र्व फण्ड है. जिसमें करीब 2200 करोड़ रुपयों से ब्याज़ या दूसरी कमाई सरकार नहीं कर रही है. कैग ने इसे किसी जगह निवेश करने की सलाह दी है.
कैग ने कहा कि सरकार करीब 2700 करोड़ की वसूली नही कर पा रही है. जिसमें से करीब 1 हज़ार करोड़ रुपया बिजली का है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि महिलाओं के लिए राज्य सरकार काफी स्कीम चला रही है. लेकिन हकीकत में इन स्कीमों के लिए आवंटित राशि 1455 करोड़ में से केवल 880 करोड़ ही सरकार इस्तेमाल कर पाई.