रायपुर। 46वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी का आयोजन राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित बी.टी.आई. मैदान में किया गया। प्रदर्शनी का समापन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने 19 अक्टूबर को किया। प्रदर्शनी में देशभर से आए 400 से अधिक बच्चों और शिक्षकों रविवार 20 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल चम्पारण, पुरखौती मुक्तांगन, अंतर्राष्ट्रीय वीर नारायण सिंह क्रिकेट स्टेडियम और नवा रायपुर में मंत्रालय, संचालनालय (इन्द्रावती भवन) का भी अवलोकन किया। बाल वैज्ञानिक इन स्थलों को देखकर काफी प्रफुल्लित हुए और वे छत्तीसगढ़ से मीठी यादंेलेकर लौट रहे हैं।

बाल वैज्ञानिकों ने राष्ट्रीय प्रदर्शनी में विभिन्न विषयों पर अपने मॉडल का प्रदर्शन किया। राज्य के सैकड़ों बच्चों ने भी राजधानी आकर इन मॉडलों का प्रदर्शन किया। रविवार को सभी बाल वैज्ञानिकों और उनके मार्गदर्शक शिक्षकों को शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। 400 से अधिक बाल वैज्ञानिक और उनके मार्गदर्शक शिक्षकों को चम्पारण में हाई सेकेण्डरी स्कूल में देखकर गांव बच्चे वहां पहुंचे और सुआ नृत्य की प्रस्तुति देकर मन मोह लिया। चम्पारण में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. रूपधर दीवान शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में सभी बच्चों और शिक्षकों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। चम्पारण स्कूल पहुंचने पर शिक्षकों का स्वागत अभनपुर के बीईओ मोहम्मद इकबाल, बीआरसी चम्पारण और सीएसीसी ने किया।

बाल विज्ञान प्रदर्शनी का पांच दिन में 30 हजार से अधिक नागरिकों ने अवलोकन किया। इनमें 24 हजार से अधिक स्कूली बच्चे और 6 हजार से अधिक कॉलेज के विद्यार्थी शामिल है। बाल विज्ञान प्रदर्शनी के अंतिम दिन सुकमा, बीजापुर एवं रायपुर जिले के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनी में बस्तर संभाग से आए हुए सुकमा और बीजापुर के छात्रों में प्रदर्शनी को लेकर काफी उत्साह दिखाई दिया विद्यार्थियों ने छोटे-छोटे समूह बनाकर ज्यादा से ज्यादा काउंटरों में जाकर बाल वैज्ञानिकों से मुलाकात कर उनके बनाए हुए मॉडलों के बारे में जानकारी एकत्र की और उन्होंने विश्वास दिलाया कि अगली बार जब भी इस तरह की प्रदर्शनी आयोजित होगी तो उसमें वह भी बाल वैज्ञानिक के रूप में शामिल होना चाहेंगे। छात्र-छात्राओं ने बताया कि वे इसके अलावा विज्ञान भवन विधानसभा भवन का भ्रमण करेंगे। हमारा मकसद ज्यादा से ज्यादा जगहों को देख कर अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करना हैं। समग्र शिक्षा अंतर्गत आयोजित हो रहे शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्रा लगातार इसका लाभ उठा रहे हैं और उनकी यह कोशिश है कि भविष्य में वह अपने साथियों को और अपना मार्गदर्शन स्वयं प्रशस्त करेंगे ताकि भविष्य में वह भी वैज्ञानिक के रूप में कुछ अच्छा कार्य अपने और देश के लिए कर सकें।

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग, एस.सी.ई.आर.टी. के संयुक्त संचालक योगेश शिवहरे, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत पाण्डेय, एस.सी.ई.आर.टी. के सहायक प्राध्यापक दिपांकर भौमिक, संजय गुहे, ज्योति चक्रवर्ती भी उपस्थित थी।