रायपुर- छत्तीसगढ़ बीजेपी में इन दिनों सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. दरअसल विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रदेशभर में नेतृत्व पर सवाल उठाया जा रहा है. कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी उफान पर है. इस बीच खबर है कि पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर संगठन के आला नेताओं के सामने आज फट पड़े. उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिहाज से बनाए गए क्लस्टर प्रभारियों की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाया. सूत्र बताते हैं कि बैठक में नेताओं की नाराजगी का आलम यह था कि एक वरिष्ठ विधायक ने ये तक कह दिया कि जिस तरह से संगठन फैसले ले रहा है, यही स्थिति बनी रही तो आगामी लोकसभा चुनाव में एक भी सीट बीजेपी नहीं जीत पाएगी.
बैठक में मौजूद सूत्र इस बात की पुष्टि करते हैं. बताया जा रहा है कि अजय चंद्राकर की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई. चर्चा है कि बैठक में सवाल इस बात को लेकर भी उठा है कि चुनाव हार चुके नेताओं को क्या जीतकर आने वाले सीनियर नेता रिपोर्ट करेंगे? दरअसल पिछले दिनों लोकसभा के लिए बीजेपी ने प्रदेश स्तर पर कई अहम जिम्मेदारियां तय की थी. चुनाव प्रबंधन के लिहाज से संगठन ने तीन 11 लोकसभा सीटों को तीन क्लस्टर में बांटते हुए विधानसभा चुनाव हारे हुए चेहरों को प्रभारी बना दिया.
रायपुर क्लस्टर में रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव लोकसभा की सीटों को शामिल करते हुए राजेश मूणत को प्रभारी बनाया गया था. वहीं बिलासपुर क्लस्टर से बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ की सीटों को शामिल करते हुए अमर अग्रवाल को प्रभारी बनाया गया था. ठीक ऐसे ही बस्तर क्लस्टर से बस्तर और कांकेर लोकसभा सीटों के लिए केदार कश्यप को प्रभारी बनाया गया था. जबकि कई वरिष्ठ विधायकों और नेताओं को लोकसभा संयोजक और प्रभारी नियुक्त किया गया है. लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक में प्रदेश प्रभारी अनिल जैन, डा.रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह के सामने नाराजगी जताते हुए वरिष्ठ विधायक ने कहा कि -जो हारे हुए विधायक है उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे दी है. हम क्या हारे हुए लोगों को रिपोर्ट करेंगे. चर्चा है कि वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी के बीच प्रदेश प्रभारी अनिल जैन ने यह कहा है कि क्लस्टर प्रभारियों की नियुक्ति आलाकमान ने की है, जिसे जो कुछ भी पूछना है, वह आलाकमान से पूछ ले.
इधर बैठक खत्म होने के बाद प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने मीडिया को ब्रीफ किया, जबकि आमतौर पर बड़ी बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक या पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ही मीडिया को ब्रीफ करते रहे हैं. बैठक खत्म होने के बाद जब रमन लौटे तो मीडिया ने उनसे बात करनी चाही, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह प्रदेश अध्यक्ष का काम है. मैं क्या बोलूंगा.