रायपुर- आखिरकार 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी डी एम अवस्थी छत्तीसगढ़ के पूर्णकालिक डीजीपी बन गए हैं. पिछले दिनों छतीसगढ़ पुलिस के नियमित डीजीपी के चयन के लिए दिल्ली में बैठक हुई थी. यूपीएससी मुख्यालय में हुई बैठक में आयोग की सदस्य स्मिता नागराजन, बीएसएफ के डीजी रजनीकांत मिश्रा, केंद्रीय गृह विभाग में संयुक्त सचिव के साथ मुख्य सचिव सुनील कुजूर शामिल हुए थे. यूपीएससी ने तीन नामों का पैनल बनाकर राज्य शासन को भेजा था. अवस्थी फिलहाल पदेन डीजी के रूप में काम कर रहे थे.
पैनल में डीएम अवस्थी (1986 बैच) के अलावा 1988 बैच के स्पेशल डीजी संजय पिल्लै और रवि सिन्हा के नाम भी रखे गए थे. रवि सिन्हा राज्य गठन के पहले से ही केंद्रीय आईबी में प्रतिनियुक्ति पर है.
आईपीएस अधिकारी दुर्गेश माधव (डीएम) अवस्थी मूल रूप से यूपी के कानपुर के रहने वाले हैं. पुलिस सेवा में आने से पहले वो इंजीनियर थे और एक शुगर मिल में तैनात थे. कानपुर के स्वरूप नगर में बीएनएसडी इंटर कॉलेज से पढ़ाई करने वाले डीएम अवस्थी ने जिले के ही विक्रमजीत सिंह सनातन धर्म कॉलेज से बीएससी की डिग्री ली. इसके बाद इंजीनियरिंग कर गुजरात की बारडोली शुगर मिल में नौकरी करने लगे. अवस्थी की मां की ख्वाहिश थी कि उनका बेटा एक आईपीएस अधिकारी बने. मां का सपना पूरा करने के लिए डीएम अवस्थी ने नौकरी पर रहते हुए ही सिविल सेवा की तैयारी करनी शुरू कर दी.
डीएम अवस्थी मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में एसएसपी के पद पर तैनात रहे. उज्जैन, इंदौर, सतना, छिंदवाड़ा और रायपुर में एसएसपी के पद पर रहते हुए डीएम अवस्थी ने कानून-व्यवस्था को लेकर उल्लेखनीय कार्य किए. मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद डीएम अवस्थी भी छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा में आ गए. विभिन्न पदों पर रहते हुए तीन साल पहले उन्हें डीजी नक्सल ऑपरेशंस के पद पर तैनाती मिली. इस पद पर रहते हुए डीएम अवस्थी ने नक्सलियों की कमर तोड़कर रख दी. अवस्थी को नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस का खुफिया तंत्र मजबूत करने के लिए भी जाना जाता है.