- मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में कल दुर्ग में हुई थी रिव्यू कमिटी की बैठक
- अखिल भारतीय स्तर के तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की खबर
- तीन आईएएस और एक आईएफएस पर लटकी कार्रवाई की तलवार
रायपुर- छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट अधिकारियों की अब खैर नहीं। खबर है कि कल ही मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में दुर्ग में हुई रिव्यू कमिटी की बैठक में अखिल भारतीय सेवा स्तर के तीन अधिकारियों की सेवा खत्म करने की सिफारिश की गई और आज सूबे के मुखिया डा.रमन सिंह ने दो टूक कह दिया कि – मैं जस की तस समिति की सिफारिश की अनुशंसा कर दूंगा। डा.रमन सिंह ने कहा कि दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक ऐसे अधिकारियों की खोजबीन की जा रही है।
डा.रमन सिंह का अंदाज ये बताता है कि छत्तीसगढ़ अब भ्रष्ट अधिकारियों का पनाहगाह नहीं होगा। भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लल्लूराम.काम के सवाल पर मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने ये बयान उस वक्त दिया है, जब रिव्यू कमिटी की बैठक के बाद प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में ये मामला चर्चाओं में हैं।
दुर्ग के कलेक्ट्रेट में कल शाम अखिल भारतीय सेवा की रिव्यू कमेटी की बैठक हुई थी। बताया जा रहा है कि करीब पौने दो घंटे से ज्यादा वक्त तक चली बैठक में 15 से 25 साल तक की सेवा पूरी करने वाले आईएएस, आईपीएस औऱ आईएफएस के 100 से ज्यादा अधिकारियों की सर्विस का रिव्यू किया गया। एक-एक अधिकारी की सर्विस की बारीकी से जांच की गई। सूत्र बताते हैं कि जांच के बाद कमिटी ने अपनी सिफारिश बंद लिफाफे में सरकार के पास भेज दी है। चर्चा है कि प्रमुख सचिव स्तर के दो आईएएस और एक आईएफएस की छुट्टी करने की सिफारिश की गई है।
डीओपीटी को भेजी जाएगी अनुशंसा?
मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के सख्त बयान के बाद अब इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशंसा जस की तस भेज दी जाए। पुर्नविचार की संभावना ना के बराबर है। बीते साल रिव्यू कमेटी की हुई बैठक के दौरान केवल राजकुमार देवांगन के नाम पर ही सिफारिश की गई थी और मुख्यमंत्री ने सिफारिश को यथावत रखते हुए डीओपीटी को भेज दिया था। राज्य सरकार की अनुशंसा को आधार बनाते हुए केंद्र सरकार ने राजकुमार देवांगन की सेवा खत्म कर दी थी।