मंदसौर। मध्य प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कई जगहों पर हुई भाजपा की हार से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चिंता में नजर आ रहे हैं. शनिवार को घोषित हुए परिणामों में धार, मनावर और धरमपुरी समेत कई निकायों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. लिहाजा इस मामले में चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी की खामियों को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर लिया है.
मंदसौर के दलोदा में भावांतर भुगतान योजना में किसान सम्मेलन को संबोधित करने आए मुख्यमंत्री ने भाषण के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान पार्टी प्रत्याशियों की कई जगह हुई हार में अपनी कमजोरी को खुलेआम माना.
मुख्यमंत्री ने पार्टी की हार को खुले तौर पर स्वीकार करते हुए इसके लिए पार्टी में चल रही बगावत को दोषी मानते हुए सीएम ने साफ कहा कि धार, धरमपुरी और मनावर में बागी उम्मीदवारों की वजह से ही भाजपा प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि चुनाव में खुद ठीक से ध्यान नहीं दे पाए.
उन्होंने इस बात का भी जिक्र करते हुए कहा कि उनके अलावा पार्टी के नेता यदि बागियों को यह चुनाव लड़ने से रोक सकते, तो शायद परिणाम पार्टी के हक में हो सकते थे. हालांकि उन्होंने भविष्य में इस पर लगाम कसने की बात भी कही है.
बता दें कि, मध्य प्रदेश में 19 नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष पद पर हुए चुनाव के लिए शनिवार को मतगणना हुई है. शिवराज सिंह चौहान के रोड शो और जोर-शोर से प्रचार के बावजूद चुनाव नतीजों ने भाजपा के वर्चस्व को कमजोर कर दिया.
राज्य में 19 नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष पदों में नौ पर भाजपा और नौ पर ही कांग्रेस ने जीत हासिल की है. एक जगह पर भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ी निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की.