ऑनलाईन इंटरएक्टिव कक्षाओं से शिक्षक और बच्चे अपने-अपने घरों से ही वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेेंगे। देश में अपने तरह का पहला बड़ा ऑनलाईन एजुकेशन प्लेटफार्म छत्तीसगढ़ राज्य सहित अन्य राज्यों के हिन्दी भाषी छात्रों के लिए भी होगा लाभदायक।

लाॅकडाउन के बाद भी पोर्टल का उपयोग होगा
छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों एवं विषय शिक्षकों की कमी वाली शालाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूली बच्चों को घर पर ही रहकर पढ़ने के लिए देश के सबसे बड़े आॅनलाईन पोर्टल में से एक ‘‘पढ़ई तुंहर दुआर‘‘ का आज अपने निवास कार्यालय में शुभारंभ किया। इस पोर्टल के जरिए लाखों छात्र बिना किसी शुल्क के आॅनलाईन पढ़ाई कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के साथ ही आने वाले समय में बच्चों की निरंतर पढ़ाई में यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने आॅनलाईन पोर्टल का शुभारंभ करते हुए तिल्दा (जिला-रायपुर) की शाला की कक्षा आठवीं की स्कूली छात्रा दामिनी और दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड की सेलूद प्राथमिक शाला के शिक्षक मिलिंद से आॅनलाईन बातचीत भी की और इस पोर्टल के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की टीम को बधाई दी। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डाॅ. आलोक शुक्ला, संचालक लोक शिक्षण संस्थान जितेन्द्र कुमार शुक्ला उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने आॅनलाईन बातचीत में छात्रा दामिनी से पूछा कि कोरोना आपदा के कारण स्कूल बंद हैं ऐसे में डिजिटल प्लेटफार्म पर आॅनलाईन पढ़ाई करने में कैसा लग रहा है। छात्रा ने कहा कि यह एक अच्छी सुविधा है। हमारे समय का उपयोग हो। इस सुविधा को उपलब्ध कराने के लिए दामिनी ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने दामिनी से कहा कि इस प्लेटफार्म में अपने और दोस्तों को भी जोड़ें। सेलूद के शिक्षक मिलिंद ने भी इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस सुविधा में बच्चे टेक्नोलाॅजी का सही उपयोग कर पढ़ाई कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि अब कोई भी शिक्षक किसी एक स्कूल का ही नही पूरे छत्तीसगढ़ के बच्चों का शिक्षक होगा।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिये किए गए लाॅकडाउन के कारण स्कूल लंबे समय से बंद हैं। इस कारण यह आवश्यक हो गया है कि घरों में रहकर ही बच्चों को पढ़ने-लिखने और सीखने का अवसर प्रदान किया जाये, इसके तहत छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों के हित में पढ़ई तुंहर दुआर ई-प्लेटफार्म की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे अब छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई ई-प्रक्रिया के तहत सीखना जारी रख सकेंगे और आगे की पढ़ाई के लिये पूरी तरह से तैयार रहेंगे। इस ई-लर्निंग प्लेटफार्म में आॅनलाईन इंटरएक्टिव कक्षाओं के जरिए शिक्षक और बच्चे अपने-अपने घरों से ही वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे। देश में अपने तरह का यह पहला बड़ा आॅनलाईन एजुकेशन प्लेटफार्म होगा, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के छात्रों सहित हिन्दी भाषी राज्यों के छात्रों के लिए भी बहुत ही लाभदायक होगा। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस पोर्टल को कल ही ट्रायल के लिए खोला गया था और ट्रायल के पहले ही दिन चालीस हजार से अधिक लोगों ने इस पोर्टल को विजिट किया। पहले ही दिन इसमें सैकड़ों शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने अपना पंजीयन करा लिया है और 150 से अधिक वीडियो तथा अन्य पाठ्य सामग्रियों अपलोड भी किया जा चुका है। इस पोर्टल में आॅनलाईन कक्षाएं भी होंगी, जिसका लाभ बिना किसी फीस के छात्र उठा सकेंगे। सिर्फ मोबाइल की मदद से छात्रों को पंजीयन करना होगा। इस पोर्टल में होमवर्क तथा होमवर्क को आॅनलाईन जांचने की सुविधा भी है।


छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने एन.आई.सी. की सहायता से ऑनलाईन पढ़ाई के लिये एक पोर्टल तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज इसका शुभारंभ किया है। स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट cgschool.in (सीजीस्कूलडाटइन) पर कक्ष एक से 10 तक विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के संसाधनों को इसमें उपलब्ध कराया गया है। आगे और इसका विस्तार किया जा रहा है, जिसके तहत शीघ्र ही कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस पोर्टल को लाॅन्च करने का उद्देश्य केवल पाठ्य उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि सभी बच्चों को पढ़ाई के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं ऑनलाईन उपलब्ध कराना है। जैसे विद्यार्थियों को स्कूल की कक्षा में पढ़ाई के समय जो शिक्षा सुविधा उपलब्ध रहती है। ऑनलाईन शिक्षा सुविधा के तहत छात्रों को इस पोर्टल में पाठ्य सामग्री के रूप में पीडीएफ फार्मेट में पाठ्य पुस्तकें, ऑडियो तथा वीडियो लेसन आदि उपलब्ध है, इसके साथ अन्य बहुत सी सुविधाएं भी इसमें उपलब्ध करायी गई है। जो साधारणतयः केवल समक्ष कक्षा में ही मिलती है।


ऑनलाईन शिक्षा के तहत पोर्टल पर जूम ऐप के माध्यम से आॅनलाईन इंटरएक्टिव कक्षाएं आयोजित भी की जाएगी, जिनमें शिक्षक एवं बच्चे अपने-अपने घरों से ही वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ सकेंगे। इन ऑनलाइन कक्षाओं में शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे और बच्चे प्रश्न भी पूछ सकेंगे। इस प्रकार ऑनलाईन क्लास का अनुभव कक्षा जैसा ही होगा। बच्चे अपनी शंकाओं का समाधान भी ऑनलाईन कर सकेंगे। इससे बच्चे को कठिन अवधारणाएं समझने में सहायता मिलेगी और शिक्षकों से शंका समाधान के द्वारा बच्चों में बेहतर समझ विकसित हो सकेगी।


इस प्लेटफार्म के जरिए बच्चों को ऑनलाईन होम वर्क भी दिया जाएगा। उसे वे घर पर ही अपनी काॅपी में हल करेंगे और अपने मोबाइल से फोटो खींचकर उसे पोर्टल पर अपलोड कर देंगे। इसके बाद संबंधित शिक्षक उसे ऑनलाईन जांच कर वापस विद्यार्थियों को भेज देंगे। इस प्रकार विद्यार्थी घर बैठे ही अपनी कमजोरियों को समझ कर उन्हें दूर कर सकेंगे। लाॅकडाउन समाप्त होने के बाद भी इस पोर्टल का उपयोग लगातार होता रहेगा। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों एवं विषय शिक्षकों की कमी वाली शालाओं के लिए भी यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी होगा।
इस पोर्टल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे विभाग ने बिना किसी बाहरी मदद के स्वयं तैयार किया है। इसकी प्रोग्रामिंग विभाग के प्रमुख सचिव डाॅ. आलोक शुक्ला ने एनआईसी के प्रोग्रामरों के साथ मिलकर की है। इस प्रकार विभाग ने यह साफ्टवेयर बिना कोई धन राशि व्यय किए निःशुल्क तैयार किया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने आशा व्यक्त की है कि इस पोर्टल से बड़ी संख्या में विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।