रायपुर। छत्तीसगढ़ को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर आगामी 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का शुभारंभ किया जा रहा है। अभियान के तहत 2 अक्टूबर को प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सुपोषण अभियान के संबंध में जारी संदेश का वाचन किया जाएगा। इस दिन जिला स्तर और विकासखण्ड स्तर पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शुभारंभ कार्यक्रम में जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक, स्वयं सेवी संगठन, समूह की महिलाओं को आमंत्रित किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडि़या के निर्देशन में प्रदेश के सभी जिलों में पूरे जोश से कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिए तैयारी की जा रही है।
अभियान के तहत जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं सहित 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं को कुपोषण और एनीमिया से आगामी 3 वर्षों में मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के संचालन में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। अभियान का क्रियान्वयन, अनुश्रवण, मूल्यांकन और अभिलेख संधारण जिला प्रशासन द्वारा किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर कलेक्टर, विकासखण्ड स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) और ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच की अध्यक्षता में अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति का गठन किया जाएगा।
अभियान के लिए जन्म से 5 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन फरवरी 2019 के वजन त्यौहार में कर लिया गया है। एनीमिया पीडि़त बच्चों और महिलाओं की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिए ग्राम पंचायतों और वार्डों में शिविर लगाया जाएगा। चिन्हांकन की प्रक्रिया जैसे-जैसे पूरी होती जाएगी, चिन्हांकित हितग्राहियों को चरणबद्ध रूप से अभियान में शामिल कर लाभान्वित किया जाएगा। अभियान के तहत कुपोषण प्रभावित बच्चों और महिलाओं को आंगनवाड़ी केन्द्र में दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार के अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर उपलब्ध और आवश्यकतानुसार पौष्टिक आहार निःशुल्क दिया जाएगा। निःशुल्क काउंसलिंग और परामर्श सेंवाएं देने के साथ नियमित मॉनिटरिंग भी जाएगी जाएंगी। प्रभावितों को आयरन पोलिक एसिड, कृमिनाशक गोली देने की व्यवस्था की जाएगी। जनजागरूकता के लिए सुपोषण रथ, शिविरों और परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा। अभियान को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक जनभागीदारी का प्रयास जाएगा।