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कोरबा. राज्य सरकार के अजीबो ग़रीब फ़ैसले ने सभी को चौंका दिया है. मामला कोरबा ज़िले से निकलकर सामने आया है. जहां पदस्थ रहे मायनिंग अफ़सर एनके सूर का तबादला एक हफ़्ते पहले जाँजगीर चम्पा में हुआ था. आदेश के बाद सुबह ज्वाइन और शाम को आदेश सरकार ने निरस्त कर दिया.
दरअसल अफसर सूर 7 मार्च को कोरबा से भारमुक्त होकर 8 मार्च को ही जाँजगीर पहुंचे थे और सुबह वहां जवाइनिंग कर ली. शाम को तबादला निरस्त होने का आदेश मिल गया. दूसरे शनिवार और रविवार की छुट्टी और रविवार को शाम लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने से अब सूर वहां से वापस रीलिव होने कोशिश में है.
सूत्रों की माने तो सूर के जाँजगीर ज्वाइनिंग करने से वहां के माइनिंग अधिकारी को राजनांदगांव के लिए रीलिव होना था, पर वे छुट्टी पर है और अभी तक भारमुक्त नहीं हुए है. ऐसी परिस्थिति में अब एक ही ज़िले में एक पोस्ट के लिए दो अधिकारी के.के. गोलघाटे, खनिज अधिकारी और एनके सूर पदस्थ हो गए है. जिससे वेतन निकालने में भी परेशानी होने वाली है.