रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित राज्य स्तरीय फेक न्यूज नियंत्रण एवं विशेष माॅनिटरिंग सेल की बैठक 5 मार्च 2020 को हुई, जिसमें विगत कुछ दिनों से तेजी से प्रचारित-प्रसारित की जा रही फेक न्यूज को संज्ञान में लेकर कुछ फेक खबरों को व्यापक जनहित में अहितकारी मानते हुए उनकी सूची जारी की गई तथा ऐसी खबरों के प्रकाशन, प्रसारण, अग्रेषण आदि से बचने हेतु चेतावनी जारी की गई।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य स्तरीय माॅनिटरिंग सेल की बैठक गुरुवार को पुलिस महानिरीक्षक आनंद छाबड़ा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. बैठक में सदस्य के रूप में आरिफ शेख वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, के.के. शुक्ला जिला शासकीय अधिवक्ता, पत्रकार रश्मि अभिषेक मिश्रा, आवेश तिवारी तथा सदस्य-सचिव उमेश मिश्र, संयुक्त सचिव जनसम्पर्क उपस्थित थे.
बैठक में विभिन्न आपत्तिजनक समाचारों पर विस्तार से चर्चा की गई. माॅनीटरिंग सेल ने प्रथम दृष्टया पाया कि एन.आर.सी. की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में स्टेट रजिस्टर ऑफ जर्नलिस्ट, छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस प्रभावितों को लेकर अतिश्योक्तिपूर्ण दावे, आयकर छापों को लेकर अतिश्योक्तिपूर्ण तथा तथ्यहीन समाचार, मुख्यमंत्री की उपसचिव के भूमिगत होने और उनके निवास से 100 करोड़ नगद बरामदगी की फर्जी खबर, कोल घोटाले में पूर्व मुख्य सचिव का हाथ जैसी खबरें सोशल मीडिया के साथ प्रिंट मीडिया में भी बड़े पैमाने पर आई हैं.
माॅनीटरिंग सेल ने ऐसी खबरें जारी करने तथा अग्रेषित करने वाले, व्हाट्सएप समूह के एडमिन, मीडिया हाउस के संचालक और सम्पादकों की भूमिका के संबंध में विस्तृत जानकारी एकत्र करने का निर्णय लिया है. बैठक में निर्णय लिया गया कि अब बैठक कम अंतराल में हों तथा ऐसी खबरों के संबंध में शिकायतें ई-मेल से भी प्राप्त की जाएं. इस संबंध में यदि शिकायतकर्ता को कहीं दिक्कत होती है तो वह राज्यस्तरीय समिति के ई-मेल आई.डी. [email protected] पर शिकायत भेज सकता है. फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए जनभागीदारी से अभियान चलाने पर भी विचार किया गया. आवश्यकतानुसार माॅनीटरिंग सेल आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की पहल भी करेगी.