जहीराबाद। गरीब तबके के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नजर युवा वोटरों पर है. न्याय योजना के बाद राहुल गांधी ने फिर से मास्टर स्ट्रोक खेला है. राहुल ने वादा किया है कि कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो देश की कुल जीडीपी का 6 फीसदी शिक्षा, नए कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और संस्थाओं के निर्माण और छात्रवृत्तियां प्रदान करने में खर्च करेंगे. राहुल गांधी तेलंगाना में चुनावी प्रचार के दौरान रैली को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने मोदी पर युवाओं की नौकरियां छीनने का आरोप लगाया है. राहुल ने कहा कि चीन हर 24 घंटे में 50 हजार नौकरियां का सृजन करता है जबकि नरेन्द्र मोदी उसी दौरान 27 हजार नौकरियां छीने लेते हैं.

राहुल ने सवाल किया, ”उन्होंने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था. क्या आपमें से किसी को नौकरी मिली?” कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सबसे ऊंची रही. गांधी ने कहा कि यदि यूपीए सत्ता में आया तो वह जीडीपी का छह फीसद शिक्षा, नये कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों के निर्माण और छात्रवृतियां प्रदान करने पर खर्च करेगा.

राहुल गांधी ने तेलंगाना की चंद्रशेखर राव की टीआरएस सरकार पर भाजपा के साथ समझौते का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राव ने कभी भी भाजपा सरकार की आलोचना नहीं की बल्कि जीएसटी और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर उसे समर्थन दिया. कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ”मोदी को तेलंगाना से मदद मिलती है. रिमोट कंट्रोल मोदी के हाथों में हैं.” उन्होंने कहा, ”यदि आप टीआरएस को वोट देते हैं तो इसका मतलब है कि आप नरेंद्र मोदी और आरएसएस को वोट दे रहे हैं.”

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सदैव 15-20 समृद्ध लोगों की मदद करते हैं और उन्होंने पिछले पांच साल में उनका साढ़े तीन लाख करोड़ रूपये का ऋण माफ कर दिया. राहुल ने कहा, ”वह (मोदी) जहां कहीं जाते हैं, वहां वह बस नफरत और गुस्सा ही फैलाते हैं और झूठे वादे करते हैं.” उन्होंने न्याय योजना की चर्चा करते हुए कहा, ”मैं आपको झूठ नहीं कहूंगा. यह सच है और हम इसकी गारंटी देंगे.”

आपको बता दें कि भारत की कुल जीडीपी 2.59 लाख करोड़ डॉलर के आस-पास की है. जिसका 6 फीसदी शिक्षा पर खर्च करने की राहुल ने बहुत बड़ी घोषणा की है. इससे देश में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है. जिससे न सिर्फ शिक्षा में सुधार होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.