रायपुर. बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राफेल सौदे को लकर चौकीदार चोर है की टिप्पणी पर माफीनामें से साफ हो गया है कि इस मुद्दे पर वह लगातार झूठ बोलकर न केवल देश को गुमराह कर रहे थे, अपितु प्रधानमंत्री पद की गरिमा के साथ घिनौना खिलवाड़ भी कर रहे थे. उसेंडी ने कहा कि अब राहुल गांधी समेत उन सभी कांग्रेसी नेताओं को देश से नि:शर्त माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने राहुल गांधी के झूठ और अभद्र आचरण को बढ़ावा दिया.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष उसेंडी ने कहा कि अपने झूठ और अभद्रता की सारी हदें पार करने वाले राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में से माफी मांगी है, लेकिन इस कृत्य के लिए देश की जनता उन्हें कतई माफ नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि इतना होने के बाद भी राहुल गांधी अपने अभद्र राजनीतिक आचरण से बाज नहीं आ रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने के कुछ ही देर बाद अमेठी के तिलोई में आयोजित रैली में उन्होंने फिर से वही नारा लगवाया, जबकि सुप्रीम कोर्ट को उन्होंने आश्वस्त किया था कि वे अब ऐसा नहीं कहेंगे.

उसेंडी ने क्षोभ व्यक्त किया कि लोकतंत्र में भरोसे का ऐसा गहन संकट पैदा करके अपराधी और आतंकी मानसिकता का पोषण एक राजनीतिक दल के प्रमुख के आचार-विचारों से हो रहा है. सवाल सिर्फ राफेल सौदे का नहीं है. समूची कांग्रेस का दिल्ली से लेकर रायपुर तक यही राजनीतिक चरित्र यही हो गया है कि कुछ भी कह दो, किसी भी तरह का झूठ बोल दो, किसी भी तरह का झूठ बोल दो, कैसा भी आरोप लगा दो, चाहे जिसका भी चरित्र हनन कर दो, देश को गुमराह करते रहो.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एक जमानतशुदा राष्ट्रीय अध्यक्ष के झूठ को लेकर उसी पार्टी के एक जमानतशुदा आरोपी मुख्यमंत्री भी इसी राजनीतिक चरित्र का परिचय दे रहे हैं. चिटफंड मामले में तथ्यों के बजाय झूठे आरोप लगाने की बाजीगरी दिखा रहे भूपेश बघेल ने अगस्ता वेस्टलेंड पनामा मामले में काफी झूठ परोसा और लोगों को भ्रमित किया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भी कोई गड़बड़ी नहीं पाई है. अब तो अपने नामदार की तरह बघेल को भी प्रदेश की जनता से नि:शर्त माफी मांगनी चाहिए अन्यथा प्रदेश की जनता उन्हें भी कभी माफ नहीं करेगी.

राहुल के कठपुतली हैं भूपेश- कौशिक

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से गोलमोल बातें करके मुद्दों से भागने के बजाय भाजपा की चुनौती स्वीकार कर चिटफंड मामले में तथ्यों पर चर्चा करने की नसीहत दी है.

कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री चिटफंड कंपनियों में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार या भाजपा नेताओं की भागीदारी के तथ्यपरक प्रमाण प्रस्तुत करें. मुख्यमंत्री महज राजनीतिक चरित्र-हत्या के एजेंडे पर चल रहे हैं और पत्थर उछालकर भाग जाने की राजनीति कर रहे हैं. चिटफंड मामले में उनके पास तथ्य तो हैं नहीं, महज जुमलेबाजी करके वह चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की नाकाम कोशिशें कर रहे हैं. कौशिक ने हमलावर होते हुए मुख्यमंत्री को कहा कि भाजपा में कठपुतली संस्कृति नहीं चलती, यह संस्कृति कांग्रेस को ही मुबारक हो जहां एक जमानतशुदा आरोपी नामदार-परिवार एक झूठ को स्थापित करने का बचकाना प्रयास करता है और फिर कांग्रेस के सारे नेता रफूगरी दिखाने में शिद्दत से जुट जाते हैं.

एक परिवार की चरणवंदना में ये रफूगर कांग्रेसी तथ्यों से भी मुंह मोड़ लेते हैं और चाटुकारिता की दौड़ में खुद अव्वल रखने की कोशिश करते हैं. प्रदेश के जमानतशुदा सीडी कांड के आरोपी मुख्यमंत्री भी इस दौड़ में इस कदर जुट गए कि मुख्यमंत्री पद की मर्यादा और प्रधानमंत्री पद की गरिमा तक का ध्यान उन्हें नहीं रह गया. पहले बघेल खुद को तो कठपुतली संस्कृति से उबार लें. एक झूठ को लेकर आज उनके नामदार को सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी है, इसलिए मुख्यमंत्री को तथ्यों के साथ किसी मामले में प्रमाण पेश करके बात करनी चाहिए. अगस्ता वेस्टलेंड पनामा मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या भूपेश बघेल प्रदेश से माफी मांगने का नैतिक साहस दिखाएंगे?