नई दिल्ली- संसद के मानसून सत्र का आज आगाज हो गया,लेकिन सत्र के पहले दिन आज दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के दिवंगत सांसद  स्वर्गीय केयूर भूषण के निधन का लोकसभा में उल्लेख नहीं किया गया और इसके चलते उन्हें सदन ने श्रद्धांजलि नहीं दी. बताया जा रहा है कि लोकसभा में छत्तीसगढ़ के दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि नहीं दे पाने की ऐसी चूक पिछले 15 सालों में तीसरी बार हुई है.

आपको बता दें कि प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और रायपुर लोकसभा से दो-दो बार के सांसद रहे केयूर भूषण का हाल ही में निधन हुआ था. नियमानुसार सांसदों के निधन की सूचना संबंधित जिले के कलेक्टर के माध्यम से लोकसभा सचिवालय को भेजी जाती है,लेकिन प्रशासन की ओर से स्वर्गीय केयूर भूषण के निधन की जानकारी नहीं दी गई.यही वजह है कि लोकसभा सचिवालय को इस बात की जानकारी ही नहीं मिल पाई,जिसके चलते स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और सांसद स्वर्गीय केयूर भूषण को श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकी.इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के सभी 11 सांसदों को कल रात ही आज के लोकसभा के कार्यवाही की सूचना मिल गई थी,लेकिन इनमें से किसी भी सांसद का ध्यान इस ओर नहीं जा सका कि स्वर्गीय केयूर भूषण का नाम दिवंगतों की सूची में नहीं है.आज सुबह 10 बजे तक भी लोकसभा सचिवालय को किसी भी सांसद के माध्यम से इस आशय की जानकारी मिल गई होती,तो भी कार्यसूची में संशोधन हो सकता था,लेकिन किसी भी सांसद के ध्यान में ये बात नहीं आ पाई.

इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के दो सांसदों के निधन का उल्लेख इन्हीं चूक की वजह से लोकसभा में नहीं हो पाया था.पिछले साल पूर्व केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम कौशिक के निधन की सूचना भी लोकसभा सचिवालय को नहीं मिल पाई थी,जिसके चलते उन्हें भी सदन में श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकी थी. इसके अलावा पूर्व सांसद ताराचंद साहू के निधन के समय भी यही हुआ था,जब लोकसभा सचिवालय को इस आशय की सूचना नहीं मिल पाई थी.

गौरतलब है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने सात महीने पहले सभी कलेक्टरों को एडवायजरी जारी किया था,जिसमें कहा गया था कि संसद के सदस्य रहे चुके माननीय सांसदों के निधन की सूचना तत्काल लोकसभा सचिवालय को भेजें,लेकिन लगता है कि इस एडवाइजरी का कलेक्टरों पर कोई असर नहीं पडा.