रायपुर। विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ का सबसे जरूरी मुद्दा उठा. मसला हाथी प्रभावित क्षेत्रों में जारी बेहताशा खनन, हाथी और मानव के बीच संघर्ष, एलीफैंट पार्क और लेमरु प्रोजेक्ट के साथ अडानी और अंबानी के शोषण और दोहन का. धर्मजीत सिंह ने तो इस विषय पर बोलते हुए यहां तक कह दिया कि सभी अधिकारियों को हाथियों के बीच छोड़ दिया जाए.

सबसे पहले जोगी ने इस पर बोलना शुरू किया. जोगी ने बैंकुठपुर से कांग्रेस विधायक अंबिका सिंहदेव के ध्यानाकर्षण पर बोलते हुए कहा कि हाथी और इंसानों के बीच आज भयावह संघर्ष की स्थिति बन चुकी है. ये बेहद गंभीर मसला है. बीते 1 दशक में 120 प्रतिशत घटनाओं में वृद्धि हुई है. सरगुजा और कोरबा में लोग हाथी के आतंक से परेशान हैं. यहां लगाता घटनाएं बढ़ते ही जा रही है. इन सबके पीछे एक ही वजह है बेहताशा कोयला खदानें. जोगी ने अपने शासन काल की याद दिलाते हुए कहा कि 2002 में हसदेव अरण्य क्षेत्र में हमने 30 कोयला खदानों को नष्ट किया था. हमने लेमरू कॉरी़डोर बनाने का निर्णय लिया था. आज एलीफैंट पार्क बना जाता तो न तो हाथियों को नुकसान होता न इंसानों का नुकसान.

लोरमी से जेजीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि आज आधा छत्तीसगढ़ हाथियों से प्रभावित है. हाथियों के पैर में सेंसर होता है. 100 किलोमीटर दूर भी ब्लास्ट होगा हाथियों को पता चल जाता है. हाथी फिर उसके विपरीत चलने लगते हैं. हैरानी की बात कि इस इलाके में 30 खदानों का चयन कर अडानी को खनन की अनुमति दे दी गई है. जमीन हमारा और अडानी माल कमाने आ गया. खनिज संपदा हमारा इसका दोहन अडानी कर रहा. धर्मजीत सिंह ने यह भी कहा कि राहुल गांधी जब इस इलाके में गए थे सभी किसानों से, आदिवासियों से लाइन लगाकर बोले थे कि यहां अडानी-अंबानी को खनन का अधिकार नहीं होना चाहिए. अब आपकी सरकार है सारे खनन रद्द करो. धर्मजीत सिंह नहीं रुके उन्होंने यह पूछते हुए कहा कि अभ्यारण्य कहां-कहां बनाएंगे यह बताए सरकार? मैं तो कहता हूँ कि सभी अधिकारियों को हाथियों के बीच छोड़ दिया जाए. इस मामले में सरकार को श्वेत पत्र जारी करनी चाहिए.

वहीं अकलतरा से भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने पूछा कि क्या जीपीएस के जरिए हाथियों को ट्रैक किया जा रहा है? सीतापुर से कांग्रेस विधायक अमरजीत भगत ने कहा कि क्या प्रभावित इलाके विधायकों से अलग से बैठक सुझाव लिए जाएंगे?

वन  मंत्री मो. अकबर ने कहा कि हम हाथी प्रभावित क्षेत्रों के सभी विधायकों के साथ बैठकर समस्या को सुलझाने चर्चा करेंगे. वहीं स्पीकर ने निर्देश दिए का यह विषय प्रश्न संदर्भ समिति को भेज दिया जाए.