रायपुर। सत्ता से लंबा बिछोह झेल चुकी कांग्रेस अब सत्ता में वापस लौटने के लिए सभी वर्गों को मनाने में लगी हुई है. इसी की कड़ी में कांग्रेस ने व्यापारी वर्ग से बनी दूरी को पाटने की कवायद शुरु कर दी है. कांग्रेस के व्यापार प्रकोष्ठ ने इस दूरी को पाटने के लिए व्यापारियों से संवाद और सम्मान का कार्यक्रम रखा था. इस कार्यक्रम में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, भूपेश बघेल और सत्यनारायण शर्मा ने व्यापारियों से उनका समर्थन मांगा है.
पुनिया और भूपेश ने इस दौरान अजीत जोगी को पार्टी से व्यापारियों की दूरी की वजह बताया. भूपेश बघेल ने बगैर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का नाम लिए कहा कि एक ने गलती की है उसकी सजा कांग्रेस को मत दीजिए. वहीं पुनिया ने भी जोगी का नाम लिए बगैर उन्हें दागदार चेहरा बताते हुए कहा कि दागदार चेहरा अब हमारे साथ नहीं है तो अब आपको किस बात से डर है. पुनिया ने कहा सन् 2000 से  2003 को छोड़कर कांग्रेस ने उद्योगों को आगे बढ़ाने का ही काम किया है. लिहाजा वे कांग्रेस को सपोर्ट करें. गौरतलब है कि सन् 2000 से लेकर 2003 तक छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी और अजीत जोगी मुख्यमंत्री थे. कांग्रेस के इस कार्यकाल को पुनिया ने एक तरह से विवादित कार्यकाल बता दिया है.
देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी सत्ता की चाबी व्यापारी वर्गों से ही होकर जाती है. लिहाजा चुनाव से पहले व्यापारी वर्गों को साधना जरुरी है. पिछले कुछ दिनों से यही कार्य केन्द्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल कर रहे हैं. वे प्रत्येक राज्यों में जाकर व्यापारी वर्गों में केन्द्रीय सत्ता को लेकर बढ़ी नाराजगी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले महीने गोयल रायपुर पहुंचे थे जहां उन्होंने एक निजि होटल में उद्योगपतियों के साथ संवाद कार्यक्रम रखा था. इस कार्यक्रम में पहुंचे गोयल ने व्यापारियों के साथ एकांत में चर्चा भी की थी.
जिसके बाद कांग्रेस ने भी सत्ता के गलियारे में वापसी के लिए व्यापारियों को मनाना जरुरी समझा है. हालांकि कांग्रेस के आला नेताओं ने जोगी का बगैर नाम लिए एक तरह से उन्हें फिर से चेताने का कार्य किया है.