जालंधर. गुरुओं की धरती पंजाब में शहद सी मीठी बोली पंजाबी (गुरुमुखी लिपि) को और अधिक सम्मान देने के लिए पंजाब सरकार द्वारा कई प्रयत्न किए जा रहे हैं। इसी की कड़ी में डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल जालंधर द्वारा शहर में आदेश जारी किए हैं।

जिसमें उन्होंने पंजाब सरकार की हिदायतों के अनुसार सभी सरकारी/अर्धसरकारी कार्यालयों/विभागों/संस्थानों/शैक्षिक संस्थानों/बोर्डों/निगमों/शैक्षिक संस्थानों/सार्वजनिक और प्राईवेट दुकानों व कारखाना अधिनियम आदि के तहत पंजीकृत दुकानों और सड़कों के नाम/नाम पट्टियां/मील के पत्थर/साइन बोर्ड के ऊपरी तरफ पंजाबी भाषा में लिखे होने के निर्देश दिए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि समूह पंजाबियों को अपनी मातृभाषा पंजाबी के प्रति जागरूक होना चाहिए और सम्मान देना चाहिए। उन्होंने सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि पंजाब सरकार की हिदायतों के अनुसार पंजाब की मातृभाषा पंजाबी को और अधिक बढ़ावा देने के लिए बोर्ड आदि पंजाबी भाषा में लिखे जाएं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के प्रमुख यह सुनिश्चित करें कि कार्यालयों आदि में रोजमर्रा का कामकाज भी पंजाबी में होना चाहिए।