रायपुर। लगातार तीन लोकसभा चुनाव में एक तरफा जीत हासिल करने वाली भाजपा की स्थिति छत्तीसगढ़ में इस बार बीते चुनावों के मुकाबले ठीक नहीं है. संगठन के नेताओं ने स्थितियों को बेहतर तरीके से भांप भी लिया है. लिहाजा पार्टी के पुख्ता सूत्रों के मुताबिक इस बार चुनाव में संगठन बड़ा निर्णय लेने की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि हर कीमत पर पार्टी अपनी बढ़त कम नहीं होना देना चाहती थी लिहाजा मौजूदा 10 सासंदों में से 5 से 6 सांसदों की टिकट काट सकती है.
पार्टी की ओर से हुए आंतरिक सर्वे में कांग्रेस सरकार बनने के बाद कई लोकसभा क्षेत्रों में समीकरण भाजपा और मौजूदा सांसदों के अनुकूल नहीं बताए गए हैं. ऐसे में राष्ट्रीय नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के मद्देेनजर ज्यादा स्थानों पर वर्तमान सांसदों का बदलने का निर्णय लिया है. ऐसे माना यह जा रहा है कि पार्टी बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, राजनांदगांव, कोरबा और जांजगीर सांसद की टिकट काट सकती है.
लेकिन पार्टी के सूत्र यह भी बताते हैं राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का चुनाव लड़ना तय है. राष्ट्रीय नेतृत्व इस बार अभिषेक सिंह की जगह उनके पिता रमन सिंह को चुनाव लड़ाने के मूड में है.हालांकि नये चेहरे को मौका मिलने की कयास में कुछ युवा चेहरे भी टिकट के लिये जमकर लाबिंग कर रहें हैं.इनमें से एक हैं गोपाल साहू,जो साहू समाज के प्रांतीय महामंत्री और कवर्धा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य रहने के साथ साथ राज्य श्रम कल्याण मंडल के सदस्य रह चुके हैं.गोपाल साहू पिछले दो महीने से लगातार सामाजिक और भाजपा संगठन के आला नेताओं से मेल मुलाकात कर अपने को राजनांदगांव लोकसभा का उम्मीदवार बनाने की मांग कर रहें हैं.सोशल मीडिया में भी गोपाल साहू के उम्मीदवारी को लेकर जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.
इसी तरह से बस्तर से दिनेश कश्यप की जगह पार्टी उनके भाई केदार कश्यप को चुनाव लड़ा सकती है. जबकि सरगुजा, बिलासपुर, कोरबा और जांजगीर में बिल्कुल नए चेहरों को मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है. वहीं पार्टी के नेता रायपुर, महासंमुद, कांकेर और रायगढ़ सांसद को रिपीट कर सकती है. क्योंकि पार्टी के पास इन चेहरों के मुकाबले कोई मजबूत विकल्प नहीं होने की बात कही जा रही है. लेकिन पार्टी के नेताओं के मुताबिक विकल्प यहां बेहतर चेहरे के तलाशे जा रहे हैं. क्योंकि रिपोर्ट यहां भी इन सांसदों की बेहतर नहीं है.