रायपुर। चुनावी मौसम है नेता नतमस्तक हैं हर किसी को उम्मीद है उन सभी हितों की जो लोकतंत्र के त्यौहारों में ही पूरी हो सकती है. लिहाजा शिक्षा कर्मी से लेकर संविदा कर्मी, एंबुलेंस कर्मी, आंगनबाड़ी सहायिका, नर्सें और न जाने कितने संगठनों ने अपनी आंखें तरेरनी शुरु कर दी. अपनी उन मांगों को पूरा करने सभी संगठन सत्ता को याद दिलाने में लग गए हैं जो चुनाव के वक्त वादा किया गया था. हालांकि कुछ पूरे भी हुए कुछ अधूरे भी रहे लेकिन उम्मीदें सरकार से ज्यादा की ही रही.
अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के स्वास्थ्य संयोजक भी आंदोलन कर रहे हैं. पिछले 24 दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को धरना स्थल से रैली निकाली लेकिन पुलिस ने उनकी रैली को सप्रे शाला के पास ही रोक दिया. इस दौरान आंदोलनकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया. वे स्वास्थ्य संचालक आर प्रसन्ना के खिलाफ भी जमकर नारे बाजी की. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां थी जिसमें आर प्रसन्ना को हटाने की मांग लिखी थी.
प्रदर्शनकारियों ने रायपुर सीएमएचओ का पुतला भी दहन किया. पुलिस पुतला छुड़ाने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारी अपने मंसूबों में कामयाब हो गए. प्रदर्शनकारी वेतन विसंगति, तकनीशियन पद घोषित करना, पदोन्नति, महिला सुरक्षा, 2015 में आंदोलन के दौरान का अवैतनिक अवकाश को वैतनिक करने की मांग कर रहे हैं.
आंदोलनकारियों का दावा है कि उनकी हड़ताल की वजह से प्रदेश के सभी 5200 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में होने वाले संस्थागत प्रसव, मीजल्स रुबेला टीका सहित कई स्वास्थ्य सेवाएं पिछले 24 दिनों से बाधित हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. मुख्यमंत्री निवास सहित मंत्रियों का घेराव करेंगे.