बिलासपुर। आस्ट्रेलिया में रहने वाले एनआरआई युवक, उसकी मां व बहन को अग्रिम जमानत देने के मामले में दुर्ग की सीजीएम सहित तीन को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. 
दुर्ग में रहने वाली विनीता का विवाह दो साल पहले आस्ट्रेलिया में रहने वाले परेश टाह से हुआ था. शादी के बाद विनीता आस्ट्रेलिया के सिडनी चली गई.  कुछ दिन बाद परेश की मां और बहन भी वहां रहने आ गए. ये तीनों मिलकर विनीता को अपने मायके से दो करोड़ रुपए लाने के लिए परेशान करने लगे.

इससे परेशान होकर विनीता भारत लौट आई. यहां उसने दहेज प्रताड़ना की शिकायत कर दी. परिवार परामर्श केंद्र में मामला चला और काउंसलिंग के बाद विनीता व उसके ससुराल वालों में सुलह करा दी गई. वह फिर सिडनी लौट गई, लेकिन वहां पहुंचते ही उसके पति, सास व ननद ने उसके साथ मारपीट की और तंग करना जारी रखा. अनंतः कुछ माह पहले विनीता दुर्ग लौट आई और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करा दिया. इस मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया, लेकिन परेश टाह उसकी मां और बहन ने दुर्ग सीजेएम गरिमा शर्मा की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया।  

जज गरिमा शर्मा ने तीनों को अग्रिम जमानत दे दी. इस दौरान नोटरी सलील झा और पहचानकर्ता ए के त्रिपाठी भी मौजूद थे. उधर विनीता ने हाईकोर्ट में इस बात पर आपत्ति की कि विदेशी नागरिक को सीजेएम कोर्ट अग्रिम जमानत नहीं दे सकती. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीजेएम गरिमा शर्मा, सलील झा और एके त्रिपाठी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद है.