राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने वन्य जीव संरक्षण संबंधी गतिविधियों पर केंद्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने वन्यजीव ट्रांस लोकेशन, रेस्क्यू और डॉग स्क्वॉड वाहनों का लोकार्पण किया। वहीं उन्होंने कहा कि हम ‘सिंह’ को राजा मानते हैं, लेकिन ‘टाइगर’ को नहीं। उन्होंने दोनों की जीवनशैली पर प्रकाश भी डाला हैं।

मंगलवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हाल में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें सीएम डॉ मोहन यादव भी शामिल हुए। उन्होंने वन्य जीव संरक्षण संबंधी गतिविधियों पर केंद्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने वन्यजीवों के परिवहन के लिए 3 वन्य जीव वाहन, 3 वन्य जीव चिकित्सक वाहन और 2 डॉग स्क्वायड वाहनों का लोकार्पण किया। सीएम ने वाहनों का अवलोकन कर वन्य जीव परिवहन के लिए वाहनों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी प्राप्त की।

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CM ने बताई शेर और बाघ की जीवनशैली

वहीं सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि ‘हम राजा ‘शेर’ को मानते हैं लेकिन टाइगर को नहीं, दोनों की जीवनशैली देखिए…टाइगर अपनी टैरिटरी की सुरक्षा खुद करता है। अपने इलाके की पूरी निगरानी करता है और सुरक्षा भी करता है। टाइगर परिवार के लिए शिकार करता है। दूसरी ओर राजा ‘सिंह’ झुंड में रहता है, आलसी रहता है। फीमेल शिकार करेगी फिर खाएगा। हम क्यों शेर को राजा मान रहे, हम तो टाइगर को नम्बर दें।’

चीता प्रोजेक्ट को सफल बनाने में एमपी की महत्वपूर्ण भूमिका

उन्होंने आगे कहा कि ‘चीता प्रोजेक्ट को सफल बनाने में मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमने फॉरेस्ट को पर्यटन के साथ जोड़ने का प्रयास किया है। चीता प्रोजेक्ट पर सवाल उठा रहे थे। 20 आए थे आज 28 हो गए। रिस्क लेना भी सीखना चाहिए।’

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