रायपुर हिदायतुल्लाह राष्ट्रिय विधि विश्विद्यालय में दिनांक 27 अगस्त की रात से ही सभी छात्र छात्राये विश्वविद्यालय प्रबंधको की तानाशाही, भ्रष्टाचार, और हॉस्टल के मनमाने नियमों के खिलाफ अनिश्चित कालीन आंदोलन पर थे. आंदोलन की शुरुआत माननीय उच्च न्यायलय के आदेश के बाद हुई जिसमें माननीय न्यायलय ने विश्वविद्यालय के कुलपति सुखपाल सिंह की नियुक्ति की वृद्धि पर सवाल उठाते हुए नियुक्ति को रद्द कर दिया था.
28 अगस्त को छात्र-छात्राओं ने विश्विद्यालय परिसर में ही पैदल मार्च निकला. इसके बाद स्टूडेंट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री स्नेहल रंजन शुक्ला ने छात्रो को विश्विद्यालय की समस्याओं के बारे में अवगत कराया.
वहीं छात्रों का आरोप है कि विश्विधालय प्रबंधको द्वारा मनमाने नियमों से तानाशाही की जाती है एवं छात्र छात्राओं को समय समय पर प्रताड़ित किया जाता है. आंदोलन का मुख्य मुद्दा हॉस्टल का बंद होने का समय है. छात्रों का तर्क है की बंद एवं सुरक्षित प्रांगण में हॉस्टल में अंदर जाने के समय का कोई औचित्य नहीं है. साथ ही प्रबंधन पर छात्रों और छात्राओं के बिच भेद भाव का भी आरोप है.
छात्रों ने रात भर हॉस्टल के बहार ही सो कर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही सुबह मार्च निकाला गया. अभी तक विश्विद्यालय प्रबंधन से कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है. जिसके चलते छात्रों के बीच भारी रोष है.
दुपहर 1 बजे विश्विद्यालय के कुलाधिपति द्वारा रवि शंकर शर्मा, मुख्य सचिव, विधि विभाग को विश्विद्यालय का अंतरिम कुलपति नियुक्त किया. पदभार सँभालते ही श्री शर्मा ने आंदोलनरत छात्रों को सम्बोधित किया और उनकी समस्या सुनी.
अंतरिम कुलपति ने छात्रों के साथ सहमति जताते हुए सभी समस्याओं पर जल्द से जल्द कार्यवाही करने का आश्वासन दिया. उन्होंने छात्रों से कक्षाओं को दुबारा शुरू करने की अपील की.
छात्राओं द्वारा प्रदर्शन के दौरान कुछ शिक्षकों के खिलाफ यौन उत्त्पीडन के आरोप लगाए गए जिस पर अंतरिम कुलपति ने जल्द से जल्द कार्यवाही करने की बात की. इस सन्दर्भ में कुलपति को छात्रों द्वारा लिखित शिकायत की जाएगी.
छात्र संगठन के अनुसार शर्मा की आश्वासन को मद्देनज़र रखते हुए छात्र आश्वासन से आश्वस्त है. लेकिन सभी मांगे पूरी न हो जाने तक आंदोलन अपनी गति से चलता रहेगा.