शैलेंद्र पाठक बिलासपुर। महासमुंद से शुरू हुआ किसान आंदोलन आज बिलासपुर उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के पास पहुंच कर समाप्त हो गया। किसानों की मांग के मुताबिक चीफ जस्टिस ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर राज्य सरकार से जवाब मांगेंगे और उन्हें न्याय दिलाया जाएगा। चीफ जस्टिस ने 25 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों का अनशन भी पानी पिलाकर समाप्त कराया।

सैकड़ों किसान 270 किलोमीटर तक पैदल चलकर आज हाईकोर्ट पहुँचे. हाईकोर्ट पहुंचकर किसानों का कहना था कि उनकी मांगों पर जब तक सुनवाई नहीं हो जाती तब तक न्यायालय में ही बैठे रहेंगे। पदयात्रा के संयोजक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि जितने सेना के जवान शहीद नहीं हुए उससे अधिक तो किसानों ने मौत को गले लगा लिया है। कर्ज से परेशान किसान आये दिन आत्महत्या कर रहे।

हाईकोर्ट पहुंचने के बाद किसानों ने चीफ़ जस्टिस के  सामने भाजपा सरकार घोषणा पत्र 2013 को रखा। घोषणा पत्र में समस्त बिन्दुओ को लागू करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने को कहा। किसानों ने बताया कि भाजपा नेताओं ने कहा था कि सरकार बनते ही स्वामिनाथन रिपोर्ट को लागू कर दिया जाएगा। प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी होगी। बीमा कंपनियों को 400 की जगह 800 रूपए बीमा प्रीमियम दिया जाएगा। लेकिन आज तक बीमा का फायदा किसी किसान को नहीं मिला है। चीफ़ जस्टिस ने रजिस्टार जनरल को तलब कर आदेश दिया कि 15 दिनों में राज्य सरकार से जवाब मांगे। इस अनशन पदयात्रा का प्रतिनिधित्व किसान नेता राधेश्याम शर्मा,  रामगुलाम ठाकुर, डॉक्टर सांत्वना ठाकुर सामाजिक कार्यकर्ता पत्रकार आरती वैष्णव, पारसनाथ साहू, जोगेश्वर चन्द्रा गजेंद्र कोसले तिलक साहू, सोहन पटेल के साथ 9 लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने किया।

रायगढ़ जिले से लल्लू सिंह, जयंत बहिदार, कामता पटेल, सुभाष चन्द्र पटेल, नन्दकिशोर विश्वास, राजेश नायक, हरविंद्र चौधरी, रामकुमार पटेल, बालक राम पटेल, मोहन पटेल जी, केशव पातर, पूर्णचंद बैरागी जी, चूड़ामणि पटेल, चिंताराम, नीलाम्बर नायक आदि किसानो ने आंदोलन का प्रतिनिधित्व किया। लगभग 5000 की संख्या में छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से किसान प्रतिनिधि आज बिलासपुर पहुंचे थे, एवं गांधी प्रतिमा के पास से लगभग 15 किलोमीटर पद यात्रा करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय पहुंचे एवं 9 लोगों के प्रतिनिधि मंडल ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के चीफ़ जस्टिस राधाकृष्णन जी से लगभग 8 मिनट तक किसानों की प्रमुख मांगो पर चर्चा किया। चीफ़ जस्टिस ने  छत्तीसगढ़ सरकार से 15 दिनों के भीतर सम्पूर्ण जानकारी मंगाकर उचित कार्यवाही का भरोसा छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं को दिया, साथ ही लगभग 25 दिनों से अनशन रत किसानों को चीफ़ जस्टिस के आदेश से रजिस्टार जनरल ने पानी पिलाकर अनशन समाप्त करवाया।