रायपुर. अपनी सफाई देते-देते विधायक डॉ विमल चोपड़ा आखिर ये कह गए. विधायक विमल चोपड़ा ने अपनी सफाई में एक प्रेस रिलीज जारी की है. प्रेस रिलीज में विधायक चोपड़ा ने कहा है कि कई शैतान यूपीएससी एक्जाम पास कर देश को लूटने में लगे हैं. साथ ही उन्होंने आगे यह भी कहा है कि यूपीएससी परीक्षा इंसानियत का सर्टिफिकेट नहीं होता है.

बता दें कि निर्दलीय विधायक डॉ.विमल चोपड़ा ने जारी प्रेस रिलीज में अपने साथ हुए मारपीट के बाद आई.पी.एस उदय किरण के खिलाफ जमकर हमला बोला है. विधायक ने प्रशिक्षु आई.पी.एस. उदय किरण द्वारा दिये जा रहे बयान पर कड़ी आपत्ती जताते हुए  कहा कि हम थाने में तीन घंटे सुप्रीम कोर्ट के एफ.आई.आर. दर्ज करने संबंधी उन निर्देशों का पालन करने की मांग कर रहे थे, जो थाने में घुसते ही लिखा है.

परंतु लगातार 03 घंटे तक न्यायोचित मांग पूर्ण न होने पर भी हम अहिंसात्मक तरीके से मांग करते रहें और उदय किरण ने बर्बरता पूर्वक लाठी भांज कर दर्जनों लोगो को घायल कर अपने वहशीपन का परिचय दिया. चोपड़ा ने कहा कि उदय किरण ने आरोप लगाया कि हम लोगों ने उन्हें बलात्कारी कहा जो सरासर सफेद झूठ है, जिसको प्रमाणित करने पर कोई भी सजा भुगतने को तैयार है.

उदय किरण ने अपने वक्तव्य में कहा कि हम नाबालिगों के विरूद्ध छेड़-छाड़ की रिपोर्ट लिखाना चाहते थे जो 5 से 11 साल के थे. ये उनकी कोरी कल्पना और दुष्प्रचार है, जबकि हम छेड़-छाड़ की रिपोर्ट बबलू हरपाल, गणेश सेन्द्रे और मनोज सोनी पर लिखा रहे थे जो 22-24 से ज्यादा की उम्र के हैं. और इनमें से एक अवैध शराब के साथ कुछ समय पहले पकड़ाया था. विधायक ने कहा कि यू.पी.एस.सी  पास कर लेने से इंसानियत का प्रमाण पत्र नहीं मिल जाता.

अनेक शैतान भी यू.पी.एस.पी परीक्षा पास कर देश को लूटने में लगे हैं. टीनू जोशी, व आनंद जोशी, जैसे सैकड़ों यू.पी.एस.सी. परीक्षा पास करने वाले मिल जाएॅगे. इंसानियत और संवेदना का पढ़ायी लिखायी से कोई वास्ता नहीं होता. डाॅ.चोपड़ा ने कहा कि उदय किरण जैसे बददिमाग लोग पुलिस फोर्स को बदनाम कर रहे है.

घटना के दो दिन पश्चात् नाबलिग हाॅकर की थाने में बेल्ट से पिटाई हुयी उस समय उदय किरण उस थाने के सी.एस.पी. थे, क्या कार्रवाई की ? कुछ नहीं क्योकि इनमें से एक उनके इशारे पर उस दिन आंदोलन कारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहा था.

ये यह मामला…

गौरतलब है कि महासमुंद में मिनी स्टेडियम में गेट लगाने को लेकर शुरू इस विवाद में बात इतनी बढ़ गई थी कि कोतवाली पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ गया था. दो पक्षों में हुए इस विवाद में एक पक्ष के समर्थन में पहुंचे निर्दलीय विधायक विमल चौपड़ा और उनके सर्मथकों की भी पुलिस ने जमकर पिटाई कर दी थी. पुलिस की इस लाठीचार्ज में विधायक समेत करीब 2 दर्जन लोगों को गंभीर चोटें आई थी.