अमित जोगी: क्या सारा पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है?
पिछले वर्ष 438 करोड़ हुए खर्च। इस वर्ष 465 करोड़ हुए खर्च।
दंतेवाड़ा और सुकमा में बढ़ी कुपोषित बच्चों की संख्या
अमित जोगी के प्रश्न पर मंत्री रमशीला साहू का जवाब
शासन चला रहा कुपोषण की रोकथाम के लिए 7 योजनाएं
अमित जोगी के प्रश्न पर मंत्री रमशीला साहू का जवाब
शासन चला रहा कुपोषण की रोकथाम के लिए 7 योजनाएं
रायपुर। विधानसभा में आज मारवाही विधायक अमित जोगी ने कुपोषण का मुद्दा उठाया है। अमित जोगी ने महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि बीते दो वर्ष में 903 करोड़ खर्च करने के बाद प्रदेश में 5 लाख से अधिक बच्चें कुपोषित हैं। जोगी ने कहना है कि, छत्तीसगढ़ में वर्ष 2017 में कुपोषण की रोकथाम पर लगभग 465 करोड़ रूपए खर्च किये जा चुके हैं फिर भी प्रदेश में 5 लाख 35 हज़ार बच्चे कुपोषित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा करोड़ों रूपए कुपोषण की रोकथाम के लिए चलायी योजनाओं पर खर्च किया जा रही है लेकिन हासिल कुछ भी नहीं हो रहा। क्या इन योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वन नहीं हो रहा है या कुपोषण की रोकथाम की आड़ में इन योजनाओं का पूरा पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है? अपने गृह जिले में सर्वाधिक कुपोषित बच्चों की संख्या होने पर अमित जोगी ने गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए अमित जोगी द्वारा गोद लिए बच्चे को फ़र्ज़ी रूप से कुपोषित साबित करके जनता का ध्यान भटकाने में लगी हुई थी। कुपोषण ख़त्म करना इस सरकार के बस की बात नहीं है। तभी मुख्यमंत्री का गृह जिला कुपोषण के मामले में प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। जोगी ने मंत्री से पूछा कि प्रदेश में बच्चों में कुपोषण की रोकथाम के लिए कौन से योजनाएं चलायी जा रही हैं और विगत 2 वर्षों में इन रोजनाओं पर कितना खर्च हुआ है? साथ ही पिछले 2 वर्षों में प्रदेश में कुपोषित पाए गए बच्चों की संख्या की जानकारी मांगी।
जवाब में मंत्री रमशीला साहू ने बताया कि कुपोषण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा 7 योजनाएं चलायी जा रही हैं। इन पर वर्ष 2015 – 2016 में 438 करोड़ 21 लाख खर्च हुए थे जबकि वर्ष 2016 – 2017 में लगभग 465 करोड़ खर्च हो चुके हैं फिर भी नवंबर 2017 के आकड़ों के अनुसार प्रदेश में 5 लाख 35 हज़ार 75 बच्चे कुपोषित हैं। सबसे ज्यादा 44,005 बच्चे बिलासपुर जिले में कुपोषित हैं। मुख्यमंत्री का गृह जिला राजनांदगांव है जहाँ 36,442 बच्चे कुपोषित हैं।